शनि की साढ़ेसाती के तीन चरण होते हैं:
पहला चरण (साढ़ेसाती का प्रथम चरण): यह उस समय होता है जब शनि ग्रह व्यक्ति की राशि से पहले घर (12वीं राशि) में प्रवेश करता है। इस दौरान व्यक्ति को अपनी पुरानी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, जैसे कि स्वास्थ्य समस्याएँ, पुराने कर्ज, या परिवार में तनाव।
दूसरा चरण (साढ़ेसाती का मध्य चरण): जब शनि आपकी राशि के ऊपर से गुजरता है, तो यह समय सबसे कठिन माना जाता है। इस दौरान व्यक्ति को जीवन में कठिनाइयाँ, मानसिक तनाव, संघर्ष और वित्तीय समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, यह भी समय होता है जब व्यक्ति अपनी मेहनत और संघर्ष से कुछ स्थायी बदलाव और सफलता प्राप्त कर सकता है।
तीसरा चरण (साढ़ेसाती का अंतिम चरण): जब शनि आपकी राशि के बाद के घर में प्रवेश करता है, तो यह समय कुछ राहत का होता है। व्यक्ति की कठिनाइयाँ कम होती हैं और स्थिति धीरे-धीरे सुधरने लगती है। पुराने तनावों से मुक्ति और बेहतर परिणाम की संभावना रहती है।
साढ़ेसाती का प्रभाव:
आर्थिक स्थिति: शनि की साढ़ेसाती के दौरान व्यक्ति की आर्थिक स्थिति पर प्रभाव पड़ सकता है। खर्चे बढ़ सकते हैं, और वित्तीय संकट उत्पन्न हो सकते हैं।
स्वास्थ्य: यह समय स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को भी ला सकता है, जैसे कि पुरानी बीमारियाँ उभरना, जो व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक रूप से थका देती हैं।
कैरियर और शिक्षा: नौकरी या व्यवसाय में रुकावटें आ सकती हैं, और शिक्षा में भी कठिनाइयाँ हो सकती हैं।
व्यक्तिगत जीवन: पारिवारिक और वैवाहिक जीवन में तनाव और विवाद भी उत्पन्न हो सकते हैं।
मकर राशि पर शनि की साढ़ेसाती 29 मार्च, 2025 को खत्म हो जाएगी. इस दिन शनि कुंभ राशि से निकलकर मीन राशि में प्रवेश करेंगे. शनि का मीन राशि में प्रवेश करने से कुम्भ, मीन और मेष राशि वालों पर साढ़ेसाती रहेगी, जिसमें कुम्भ राशि पर साढ़ेसाती का अंतिम चरण, मीन राशि पर मध्य चरण तथा मेष राशि वालों पर साढ़ेसाती का प्रथम चरण रहेगा।
मकर राशि के जातकों के लिए शनि की साढ़ेसाती का खत्म होना बहुत महत्वपूर्ण और शुभ है। शनि ग्रह मकर राशि का स्वामी होता है, और मकर राशि के जातक शनि की साढ़ेसाती के प्रभाव से पहले ही बहुत कष्ट झेल चुके हैं। जब शनि की साढ़ेसाती खत्म होती है, तो मकर राशि के जातकों के जीवन में कई सकारात्मक बदलाव आ सकते हैं और उनके जीवन से संघर्ष लगभग समाप्त होगा। मकर राशि के जातकों के अच्छे दिन का आरंभ होगा। लंबे समय से चल रही समस्याएं और चुनौतियाँ अब समाप्त हो सकती है। तीसरे भाव में रहकर शनि, विदेश यात्रा का मौका भी दे सकते है। लंबे समय से रुके हुए काम पुरे हो सकते हैं। परिवार के साथ अच्छा समय बीतेगा ।
आर्थिक स्थिति में सुधार:
शनि की साढ़ेसाती के दौरान मकर राशि के जातकों को अक्सर वित्तीय कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। लेकिन जब साढ़ेसाती समाप्त हो जाती है, तो उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होने लगता है। पुराने कर्ज़ चुकता हो सकते हैं, और नए अवसर आ सकते हैं जो उन्हें वित्तीय समृद्धि की ओर ले जाएंगे।
स्वास्थ्य में सुधार:
शनि की साढ़ेसाती के दौरान मकर राशि के जातकों को स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन जैसे ही साढ़ेसाती खत्म होती है, उनकी सेहत में सुधार होने की संभावना रहती है। पुराने दर्द और बीमारियाँ कम हो सकती हैं, और व्यक्ति स्वस्थ महसूस करने लगता है।
कैरियर में प्रगति:
शनि की साढ़ेसाती के दौरान मकर राशि के जातकों के कैरियर में रुकावटें और संघर्ष हो सकते हैं। लेकिन जब यह समाप्त होती है, तो करियर में नई दिशा और प्रगति की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। नौकरी में प्रमोशन, नई नौकरी के अवसर, या व्यवसाय में विस्तार हो सकता है।
व्यक्तिगत और पारिवारिक जीवन में शांति:
शनि की साढ़ेसाती के दौरान पारिवारिक जीवन में तनाव और विवाद हो सकते हैं, लेकिन जब साढ़ेसाती समाप्त होती है, तो पारिवारिक जीवन में शांति और सामंजस्य की स्थिति बनती है। रिश्तों में सुधार होता है, और व्यक्तिगत जीवन में संतुलन स्थापित होता है।
आध्यात्मिक उन्नति:
शनि का प्रभाव अनुशासन और आध्यात्मिक उन्नति के लिए भी होता है। जैसे ही साढ़ेसाती खत्म होती है, मकर राशि के जातक अधिक ध्यान, साधना और आत्म-समर्पण की ओर बढ़ सकते हैं। यह समय आत्म-ज्ञान और संतुलन पाने के लिए उपयुक्त हो सकता है।
नई योजनाओं और विचारों का जन्म:
शनि की साढ़ेसाती के दौरान, मकर राशि के जातकों को रचनात्मकता और नई योजनाओं पर काम करने में समस्याएँ हो सकती हैं। लेकिन जब साढ़ेसाती समाप्त होती है, तो व्यक्ति में नई ऊर्जा और विचार आते हैं, जिससे वह अपने सपनों और लक्ष्यों की ओर कदम बढ़ा सकता है।
संघर्षों का अंत और सुकून:
मकर राशि के जातकों को शनि की साढ़ेसाती के दौरान जीवन में कई संघर्षों का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन इसके खत्म होने के बाद इन संघर्षों का अंत होता है और एक नई शुरुआत होती है। वे मानसिक रूप से हल्का महसूस करते हैं और जीवन में स्थिरता का अनुभव करते हैं।
समाप्ति के बाद शनि का आशीर्वाद:
जब शनि की साढ़ेसाती खत्म होती है, तो शनि देव की कृपा से जातक अपने कर्मों का फल प्राप्त करता है। जो लोग इस समय में सही कार्य और मेहनत करते हैं, उनके जीवन में सफलता के रास्ते खुलते हैं।
शनि की साढ़ेसाती के दौरान, यदि व्यक्ति अपनी मेहनत, समर्पण, और सही मार्गदर्शन से काम करता है, तो यह समय उसकी जीवन में स्थायी सुधार ला सकता है। शनि का कष्ट व्यक्ति को अनुशासन, समय प्रबंधन और सत्य के मार्ग पर चलने की शिक्षा देता है।
जो राशियाँ शनि की साढ़ेसाती के प्रभाव में हैं उन्हें निम्न सावधानियां बरतनी चाहिए –
अविचारपूर्ण निर्णयों से बचें:
शनि की साढ़ेसाती के दौरान भावनात्मक और तात्कालिक निर्णयों से बचना चाहिए। जल्दबाजी में कोई बड़ा निवेश या जीवन में कोई बड़ा बदलाव न करें। ठंडे दिमाग से फैसले लें और परिस्थिति को समझने का प्रयास करें।
विवादों से दूर रहें:
इस समय परिवार, मित्रों, या सहकर्मियों से किसी भी प्रकार के विवाद और संघर्ष से बचने की कोशिश करें। शनि का प्रभाव व्यक्ति को तनावपूर्ण स्थिति में डाल सकता है, इसलिए शांति बनाए रखना जरूरी है।
स्वास्थ्य पर ध्यान दें:
शनि की साढ़ेसाती के दौरान मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य समस्याएँ हो सकती हैं। नियमित व्यायाम और सही खानपान को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। किसी भी बीमारी के लक्षणों को नजरअंदाज न करें और समय रहते इलाज करवाएं।
आर्थिक स्थिति पर नियंत्रण रखें:
शनि की साढ़ेसाती के दौरान वित्तीय समस्याएँ आ सकती हैं, इसलिए अपने खर्चों को नियंत्रण में रखें। अनावश्यक खर्चों से बचें और बचत पर ध्यान केंद्रित करें।
नकारात्मकता से दूर रहें:
शनि का प्रभाव नकारात्मक विचारों और मानसिक स्थिति को बढ़ा सकता है। इसलिए मानसिक रूप से मजबूत बने रहें, सकारात्मक सोचें, और अपनी ऊर्जा को अच्छे कार्यों में लगाएं।
उपाय (Remedies)
शनि देव की पूजा करें:
शनि की साढ़ेसाती के दौरान शनि देव की पूजा विशेष रूप से लाभकारी होती है। शनि के मंत्र “ॐ शं शनैश्चराय नमः” का जाप करें। शनिवार के दिन विशेष रूप से शनि देव की पूजा करें, और उनके समक्ष तेल, तिल, और काले कपड़े चढ़ाएं।
हनुमान चालीसा का पाठ करें:
हनुमान जी की उपासना से कष्टों में कमी आ सकती है। नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करने से मानसिक शांति मिलती है और जीवन में कठिनाइयाँ कम होती हैं।
काले तिल और तेल का दान करें:
शनिवार के दिन काले तिल और तेल का दान करना इसके के प्रभाव को शांत करने के लिए बहुत लाभकारी होता है। आप मंदिरों में या किसी गरीब को यह दान कर सकते हैं।
मंत्र जाप और धूप-दीप का समर्पण:
शनिवार के दिन शनि देव के चित्र के सामने दीपक जलाएं और “ॐ शं शनैश्चराय नमः” या “मंत्रोच्चारण” का जाप करें। यह उपाय दोषों को दूर करता है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
राहु और केतु से संबंधित उपाय करें:
साढ़ेसाती के दौरान राहु और केतु का भी प्रभाव हो सकता है। इन ग्रहों के नकारात्मक प्रभाव को कम करने के लिए दक्षिणावर्त (वट वृक्ष) की पूजा और मंत्र जाप करें।
गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करें:
शनि का दान और मदद करने से बहुत संबंध है। विशेष रूप से शनिवार के दिन गरीबों और जरूरतमंदों को खाना, वस्त्र या अन्य सामान दान करें। यह आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकता है।
काले रंग से बचें (यदि शनि की स्थिति अनुकूल नहीं हो):
साढ़ेसाती के दौरान काले रंग के कपड़े पहनने से बचना चाहिए, क्योंकि यह शनि के नकारात्मक प्रभाव को बढ़ा सकता है। इसके बजाय नीले, ग्रे या सफेद रंग के कपड़े पहनें, जो शनि के साथ अनुकूल होते हैं।
सप्ताहिक व्रत रखें:
शनिवार के दिन विशेष रूप से उपवासी रहें या शनि के दिन किसी विशेष व्रत को रखें, ताकि कष्टों से राहत मिल सके।
(नीतेश तिवारी, एमसीए, एमएचए ज्योतिष के अच्छे जानकार हैं। )
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