मानसून के मौसम में भारी बारिश पहाड़ी इलाकों एवं यूपी (UP) और बिहार (Bihar) में काफी परेशानी का सबब बन रही है। गंगा नदी (Ganga River) के किनारे बसे जिलों में जल स्तर बढ़ने से खेतों और घरों में पानी भर गया है। बिजनौर, मुरादाबाद और मुजफ्फरनगर में बाढ़ की तस्वीरें आ रहीं हैं। बिहार (Bihar) के बगहा और नौगछिया में भी नदी बाढ़ का कारण बन रही है। उत्तराखंड (Uttrakhand) से लेकर नेपाल (Nepal) तक हालात बेहद गंभीर हैं। यूपी (UP) के मुख्यमंत्री Yogi Adityanath ने बाढ़ से निपटने के निर्देश दिए हैं। बारिश और भूस्खलन के कारण चमोली बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग बंद है, जिससे यातायात जाम हो गया है। लोग सड़क खुलने का इंतजार कर रहे हैं।
उत्तराखंड (Uttrakhand) में भारी बारिश का पूर्वानुमान
उत्तराखंड (Uttrakhand) में कई इलाकों में भारी बारिश होने की संभावना है। धनोल्टी और मसूरी के बीच कफलानी के पास बारिश की वजह से सड़क बंद है। चमोली, पौड़ी, रुद्रप्रयाग और कुमाऊं क्षेत्र में रेड अलर्ट है। मुख्यमंत्री ने सभी स्थानीय नेताओं को किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार रहने को कहा है। 200 से ज्यादा सड़कें बंद हैं और उन्हें साफ करने के लिए 221 मशीनें तैयार हैं। जरूरत पड़ने पर बचाव दल भी मदद के लिए तैयार है। अधिकारी नदियों के किनारे रहने वाले लोगों को सावधान रहने की चेतावनी दे रहे हैं। शनिवार रात पिथौरागढ़, नैनीताल, चमोली, अल्मोड़ा और पौड़ी में भारी बारिश हुई।
उत्तराखंड (Uttrakhand )में बंद सड़कों पर साइनेज लगाने के निर्देश
आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिए स्थिति का मुआयना किया । उन्होंने निर्देश दिए कि बंद की गई सभी सड़कें, जैसे बड़े राजमार्ग और छोटी ग्रामीण सड़कें, जल्दी से जल्दी खोली जानी चाहिए । ताकि लोग आसानी से यात्रा कर सकें। उन्होंने प्रत्येक क्षेत्र में आपातकालीन स्थितियों के प्रभारी लोगों से कहा कि वे ध्यान दें और किसी भी समस्या के लिए तैयार रहें। उन्हें बंद सड़कों पर साइनेज लगाने और संचार के विभिन्न तरीकों का उपयोग करके सभी को यह बताने के लिए भी कहा गया कि वे कब फिर से खुलेंगी।
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में Cm Yogi ने बाढ़ को लेकर दिए निर्देश
Yogi सरकार ने प्रदेश में बाढ़ की आशंकाओं को देखते हुए इससे निपटने के लिए व्यापक स्तर पर तैयारियां पूरी कर ली हैं। सीएम योगी के निर्देश पर बाढ़ से निपटने एवं जनहानि-धनहानि को न्यूनतम करने के लिए 24 अतिसंवेदनशील और 16 संवेदनशील इलाकों में बाढ़ चौकियाें की स्थापना कर ली गयी है, जहां पर एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पीएसी की टुकड़ियों को तैनात किया गया है। इसके अलावा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को राहत देने के लिए 40 जिलों में से 39 जिलों में खाद्यान्न टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली गयी है। बता दें कि सीएम योगी ने हाल में ही बाढ़ पूर्व तैयारियों को लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक में अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये थे, जिसके बाद अधिकारियों ने मिशन मोड में महज चार से पांच दिन के अंदर तैयारियों को अंजाम दिया है। इसी के साथ 612 बाढ़ चौकियों को भी स्थापित किया गया है।
बिहार (Bihar) में भी नदियां हैं उफान पर
भारी बारिश के बाद बिहार ( Bihar )के कई जिलों में कई नदियां खतरे के निशान को पार कर गई हैं। पिछले 24 घंटों में बिहार के कई इलाकों में कोसी , महानंदा , बागमती, गंडक, कमला बलान और कमला जैसी प्रमुख नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं । साथ ही , कुछ इलाकों में अलर्ट जारी किया गया है कि नदियां खतरे के निशान को छू सकती हैं । बागमती नदी का जलस्तर सीतामढ़ी , मुजफ्फरपुर , शिवहर, औराई में खतरे के निशान को छू गया है । रविवार सुबह 8 बजे बागमती नदी का जलस्तर सीतामढ़ी में 71.16 मीटर दर्ज किया गया , जो खतरे के निशान से 0.16 मीटर ऊपर है ।
असम (Assam) में भी बाढ़ के हालात
असम(Assam ) में बाढ़ जैसे हालात हैं । राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार राज्य की प्रमुख नदियाँ खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं । प्राधिकरण के अनुसार , राज्य में बाढ़ के कारण 52 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और 30 जिलों में 24 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। राज्य के प्रभावित क्षेत्रों में काजीरंगा , कामरूप , धुबरी , नागांव , गोलपारा , बारपेटा , डिब्रूगढ़ , बोंगाईगांव , लखीमपुर , जोरहाट , कोकराझार , करीमगंज और तिनसुकिया शामिल हैं ।
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