चुनाव आयोग ने प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र के लिए रिटर्निंग अधिकारी तथा काउंटिंग ऑब्जर्वर नियुक्त किए हैं। राज्य के 38 जिलों में 46 गिनती-केंद्र बनाये गए हैं जहाँ प्रत्याशियों के एजेंटों की मौजूदगी में काउंटिंग टेबलों पर मतगणना होगी। एक-एक सीट की गिनती के लिए कई टेबलें लगाई गई हैं । मतगणना केंद्रों पर प्रत्येक सीट के लिए 14-14 टेबल का प्रबंध किया गया है, साथ ही एक-एक टेबल ताकि प्रक्रिया शीघ्र तथा व्यवस्थित ढंग से पूर्ण हो सके।
मतगणना की प्रक्रिया में सबसे पहले पोस्टल बैलेट की गिनती होगी, उसके बाद ईवीएम-वोटिंग मशीनों के साथ जुड़ी वीवीपैट (VVPAT) की मिलान प्रक्रिया शुरु की जाएगी। सभी वोटिंग मशीनें तथा सम्बंधित सामग्री को गिनती से पहले मजबूत-रूम (Strong Room) में सुरक्षित रखा गया था और गिनती के दिन इन्हें प्रत्याशियों/एजेंटों की उपस्थिति में ही खोला जाएगा। चुनाव आयोग ने कड़ी डबल-लॉकिंग और लॉग-बुक रखरखाव की व्यवस्था सुनिश्चित की है।
सुरक्षा के कड़े प्रबंध किये गये हैं—गिनती केन्द्रों एवं स्ट्रांग रूम के चारों ओर सीसीटीवी निगरानी, स्थानीय पुलिस और अन्य सुरक्षा बलों की तैनाती तथा त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था लागू की गयी है। प्रत्येक काउंटिंग टेबल पर काउंटिंग सुपरवाइज़र, असिस्टेंट तथा माइक्रो-ऑब्जर्वर तैनात रहेंगे ताकि गिनती की हर प्रक्रिया पर नजर रखी जा सके और किसी भी अनियमितता की तुरंत पहचान हो सके।
चुनाव आयोग ने कहा है कि प्रतिनिधि प्रत्याशियों के एजेंटों की उपस्थिति से गिनती पूरी तरह पारदर्शी रहेगी और मीडिया तथा आम जनता से आग्रह किया गया है कि केवल आधिकारिक चैनलों द्वारा घोषित परिणामों पर ही भरोसा रखें। अनुमान है कि गिनती सुबह से शुरू होकर शाम तक अधिकांश सीटों के परिणाम घोषित कर दिए जायेंगे, हालांकि कुछ सीटों पर जटिलता होने पर देर भी हो सकती है।
राज्य की राजनीतिक पार्टियाँ तथा गठबंधन नतीजों का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। आज की मतगणना बिहार की राजनीतिक दिशा तय करेगी और अगले कुछ घंटों में स्पष्ट तस्वीर सामने आने की उम्मीद है।
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