ये मुठभेड़ बीजापुर, दंतेवाड़ा और नारायणपुर जिले की सीमा क्षेत्र में हुई। पुलिस को अबूझमाड़ के बोटेर में नक्सलियों के पोलित ब्यूरो के सदस्य और डेढ़ करोड़ के इनामी बसवा राजू की मौजूदगी की गुप्त सूचना मिली थी। इसके बाद जब पुलिस और डीआरजी के जवान वहां पहुंचे तो नक्सलियों ने देखते ही पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। डीआरजी ने जवाबी कार्रवाई शुरू की और अंत में 31 नक्सली मारे गए। बसवा राजू आंध्र प्रदेश का रहने वाला था। उसकी उम्र 70 वर्ष के करीब थी। वह करीब 45 साल से नक्सल आंदोलन से जुड़ा था। इंजीनियरिंग डिग्री धारी यह नक्सली नेता वर्ष 2018 से संगठन का जेनरल सेक्रेटरी के पद पर था।
इसके मारे जाने को नक्सलियों के खिलाफ एक बड़ी कामयाबी के रूप में देखा जा रहा है। इस मुठभेड को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि बुधवार को छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में सुरक्षाकर्मियों के साथ मुठभेड़ में सीपीआई (माओवादी) का महासचिव नंबाला केशव राव, जिसे बसवराजू के नाम से भी जाना जाता है, 26 अन्य नक्सलियों के साथ मारा गया। शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर लिखा है- नक्सलवाद को खत्म करने की लड़ाई में एक ऐतिहासिक उपलब्धि। आज, छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में एक ऑपरेशन में, हमारे सुरक्षा बलों ने 27 खूंखार माओवादियों को मार गिराया है, जिनमें सीपीआई-माओवादी के महासचिव, शीर्ष नेता और नक्सल आंदोलन की रीढ़ नंबाला केशव राव उर्फ बसवराजू भी शामिल हैं। नक्सलवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई के तीन दशकों में यह पहली बार है कि हमारे बलों द्वारा एक महासचिव स्तर के नेता को मार गिराया गया है। मैं इस बड़ी सफलता के लिए हमारे बहादुर सुरक्षा बलों और एजेंसियों की सराहना करता हूँ। यह बताते हुए भी खुशी हो रही है कि ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट के पूरा होने के बाद, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और महाराष्ट्र में 54 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है और 84 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है।
ये भी पढ़ें :-Chhattisgarh Election : नक्सलियों की लाश पर सियासत की रोटी सेंकने की कवायद हुई तेज