नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की, वहीं आम आदमी पार्टी (AAP) के पांच बड़े नेताओं को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा। हारने वालों में AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल, पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और वरिष्ठ मंत्री सौरभ भारद्वाज शामिल हैं।
दिल्ली में AAP को बड़ा झटका
दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से BJP अब 47 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है, जबकि AAP 23 सीटों पर सिमटती नजर आ रही है।
हारने वाले प्रमुख AAP नेता:अरविंद केजरीवाल (नई दिल्ली सीट) AAP के राष्ट्रीय संयोजक और तीन बार के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को BJP के प्रवेश वर्मा ने हराया। केजरीवाल ने 2013 में भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन से राजनीति में कदम रखा था और 2015 व 2020 में प्रचंड जीत हासिल की थी। पिछले साल दिल्ली की शराब नीति घोटाले में गिरफ्तारी के बाद जमानत पर बाहर आए थे। उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर कहा था कि वह तभी वापसी करेंगे जब “जनता का जनादेश” उनके पक्ष में आएगा, लेकिन इस चुनाव में जनता ने उन्हें नकार दिया।
मनीष सिसोदिया (जंगपुरा सीट) AAP के नंबर 2 नेता और पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को BJP के तरविंदर सिंह मारवाह ने हराया। सिसोदिया इससे पहले पूर्वी दिल्ली की पाटपड़गंज सीट से तीन बार विधायक रह चुके थे, लेकिन इस बार उन्होंने जंगपुरा से चुनाव लड़ा और हार गए। 2023 में शराब घोटाले में गिरफ्तारी के बाद वह डेढ़ साल तक जेल में रहे, जमानत मिलने के बावजूद उन्होंने सरकार में कोई पद लेने से इनकार कर दिया था।
सौरभ भारद्वाज (ग्रेटर कैलाश सीट) BJP की शिखा रॉय ने AAP के कद्दावर नेता और दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज को हराया। भारद्वाज 2013 से लगातार इस सीट से जीतते आ रहे थे, लेकिन इस बार BJP ने बाज़ी मार लीवह दिल्ली सरकार में गृह, बिजली और जल विभाग के मंत्री थे और उनकी सीट को AAP के लिए सुरक्षित माना जा रहा था।
दुर्गेश पाठक (राजेंद्र नगर सीट) AAP की पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य दुर्गेश पाठक को BJP के उमंग बजाज ने हराया। उन्होंने 2022 के उपचुनाव में यह सीट जीती थी, लेकिन इस बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
अवध ओझा (पाटपड़गंज सीट) IAS कोच से नेता बने अवध ओझा ने AAP के टिकट पर पाटपड़गंज से चुनाव लड़ा, लेकिन BJP के रविंदर सिंह नेगी ने उन्हें 28,000 वोटों से हरा दिया। यह सीट पहले मनीष सिसोदिया की रही थी, जिन्होंने लगातार तीन बार यहां जीत दर्ज की थी, लेकिन इस बार उन्होंने जंगपुरा से चुनाव लड़ा और हार गए।
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