नई दिल्ली:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने 16 जनवरी 2025 को आठवें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी। यह फैसला दिल्ली विधानसभा चुनावों से कुछ दिन पहले लिया गया है और इसका उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों की आय में वृद्धि करना है।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस फैसले की घोषणा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर करते हुए लिखा, “हम सभी सरकारी कर्मचारियों के प्रयासों पर गर्व करते हैं, जो ‘विकसित भारत’ के निर्माण में योगदान देते हैं। 8वें वेतन आयोग पर कैबिनेट का निर्णय जीवन स्तर को बेहतर बनाएगा और उपभोग में वृद्धि करेगा।”
महंगाई भत्ता (DA) पहले ही 50% के पार
यह घोषणा ऐसे समय में आई है जब केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ता (DA) उनके मूल वेतन का 50% पार कर चुका है। 1 जुलाई 2024 से कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को 53% DA दिया जा रहा है, और अगला संशोधन जनवरी 2025 में होने वाला है।
8वें वेतन आयोग से क्या हैं उम्मीदें?
वर्तमान में केंद्रीय कर्मचारियों का वेतन ढांचा 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों पर आधारित है, जो 1 जनवरी 2016 से लागू हुआ था। 8वें वेतन आयोग के गठन के साथ, वेतन संरचना में बड़ा बदलाव होने की संभावना है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, फिटमेंट फैक्टर, जो वेतन और पेंशन निर्धारण का मुख्य गुणांक होता है, 2.57 से बढ़कर 2.86 हो सकता है। अगर ऐसा होता है, तो केंद्रीय कर्मचारियों का न्यूनतम मूल वेतन 18,000 रुपये से बढ़कर 51,480 रुपये तक जा सकता है।
क्या है फिटमेंट फैक्टर?
फिटमेंट फैक्टर वेतन और पेंशन के संशोधित गणना में इस्तेमाल किया जाने वाला एक महत्वपूर्ण गुणांक है। यह कर्मचारियों के वेतन को नए आयोग की सिफारिशों के अनुरूप समायोजित करता है।
7वें वेतन आयोग के तहत फिटमेंट फैक्टर 2.57 था, जिसने केंद्रीय कर्मचारियों के न्यूनतम मूल वेतन को 6ठे वेतन आयोग के 7,000 रुपये से बढ़ाकर 18,000 रुपये कर दिया। हालांकि, मूल वेतन में भत्ते जैसे कि महंगाई भत्ता (DA), मकान किराया भत्ता (HRA), परिवहन भत्ता (TA) आदि शामिल नहीं होते। इन सभी भत्तों को जोड़ने पर 7वें वेतन आयोग के तहत न्यूनतम कुल वेतन 36,020 रुपये प्रति माह हो गया था।
कर्मचारियों के लिए उम्मीदों का बढ़ना
8वें वेतन आयोग की अंतिम सिफारिशों के आधार पर विभिन्न भत्तों में बदलाव संभव है। इससे केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के कुल वेतन में उल्लेखनीय वृद्धि की संभावना है।
सरकार का यह कदम न केवल कर्मचारियों के जीवन स्तर को बेहतर करेगा, बल्कि घरेलू उपभोग और आर्थिक विकास में भी योगदान देगा। अब सभी की नजरें 8वें वेतन आयोग की सिफारिशों पर टिकी हुई हैं।
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