Waqf Board Amendment Bill : लोकसभा के मानसून सत्र में गुरुवार को वक्फ बोर्ड संशोधन बिल पेश किया गया। इस बिल के अंतर्गत वक्फ बोर्ड की शक्तियों को नियंत्रित करने से सबंधित कुछ प्रतिबंध लगाए गए हैं। संसद में केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री किरन रिजिजू ने गुरुवार को बिल पेश किया। इस विधेयक के पेश होने के साथ ही सपा, कांग्रेस, एनसीपी, एआईएमआईएम, टीएमसी, आईयूएमएल, डीएमके आदि पार्टियों की ओर से विरोध शुरू दिया गया।
बोर्ड की मनमानी पर रोक लगाएगा ये संशोधन बिल
वक्फ अधिनियम 1995 में संशोधन बिल पा (Waqf Board Amendment Bill) पास हो गया तो बोर्ड के अधिकार क्षेत्र पर अंकुश लग जाएगा। Waqf Board किसी भी संपत्ति पर ज़बरदस्ती अपना हक नहीं जता सकेगा। अभी बोर्ड के पास इतना अधिकार है कि वह किसी भी जमीन को अधिग्रहित कर उसे बोर्ड की संपत्ति घोषित कर सकता है। इस विधेयक के पास होने के बाद किसी भी जमीन पर दावे से पहले उसका वेरिफिकेशन करना अनिवार्य हो जाएगा। इससे Waqf Board की मनमानी पर भी रोक लग सकेगी ।
रिजिजू ने कहा बोर्ड में बुद्धिजीवियों का होना जरूरी
केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री ने संसद में कहा कि बोर्ड में बुद्धिजीवियों और महिलाओं की भी भागीदारी होने की मांग की जा रही थी। वक्फ बोर्ड में जो भी सदस्य हों उनको जानकार होना चाहिए। एडमिनिस्ट्रेटिव स्किल वाले लोगों को शामिल किया जाना चाहिए। ये सब सिफारिशें पहले की हैं जो आप लोगों की ही थीं, हम तो सिर्फ लागू कर रहे हैं। इस बिल के पास होने के बाद ये प्रयास किया जाएगा कि कोई महिला या अन्य व्यक्ति न्याय से वंचित न रह जाए। वक्फ प्रॉपर्टी से जो भी इनकम होगी वह मुस्लिमों के कल्याण के लिए ही प्रयोग की जाएगी।
वेणुगोपाल ने कहा समुदायों के बीच विवाद खड़ा करेगा ये विधेयक
बिल को लेकर संसद में जंग छिड़ गई है। कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल राव ने कहा कि सरकार ऐसे बदलाव कर समुदायों के बीच विवाद खड़ा करना चाहती है। हम हिन्दू हैंं लेकिन सभी धर्मों का सम्मान करते हैं। हरियाणा और महाराष्ट्र के लिए ये बिल खास है। सत्ताधारी दल संघीय व्यवस्था पर हमला कर रहा है।
ओवैसी ने कहा, केंद्र सरकार मुसलमानों की दुश्मन
संसद में विधेयक के पेश होने के बाद एआईएमआईएम चीफ मोहम्मद असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार पर सीधा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड के नियमों में बदलाव को लेकर संसद में बिल पेश किया जाना एक नए विवाद को जन्म देना है। इस बिल को पेश कर केंद्र देश को एकजुट करने का नहीं बल्कि बांटने का काम कर रही है। यह बिल साबित करता है कि केंद्र सरकार मुसलमानों की दुश्मन है।
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