लोगों को इन कंपनियों के विज्ञापन देखकर ब्यूटी प्रोडक्ट से लेकर खाने-पीने के समान खरीदने वाले उपभोक्ताओं को सचेत रहने की जरूरत है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) और सरकार ने ऐसी कंपनियों और उत्पादों की जांच की बात कही है।
सुप्रीम कोर्ट ने कंपनियों के भ्रामक विज्ञापनों पर जताई सख्ती
देश की फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स (एफएमसीजी) कंपनियों के भ्रामक विज्ञापनों पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम अदालत ने जहां सख्त रूख अपनाया है। वहीं, सिंगापुर और हांगकांग में दो मसाला कंपनियों के कुछ उत्पादों को प्रतिबंधित किए जाने के बाद वाणिज्य मंत्रालय (Ministry of Commerce) ने एमडीएच और एवरेस्ट (MDH and Everest) से इसका ब्योरा मांगा है। क्योंकि, इन कंपनियों के उत्पाद लोगों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर रही हैं। क्योंकि गलत बयानी के आधार पर उपभोक्ता प्रोडक्ट का इस्तेमाल कर रहे हैं।
पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड (Patanjali Ayurveda Limited) मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को अपनी सुनवाई का दायरा बढ़ाते हुए एफएमसीजी कंपनियों के भ्रामक विज्ञापनों पर सख्त रुख अपनाया है। वहीं, केंद्र सरकार के तीन मंत्रालयों से जनता के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने वाले इस तरह के चलन को रोकने के लिए उठाए गए कदमों की विस्तृत जानकारी मांगी है।
योगगुरु बाबा रामदेव और उनके सहयोगी बालकृष्ण ने दी सफाई
इससे पहले पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड कंपनी के योगगुरु बाबा रामदेव और उनके सहयोगी बालकृष्ण ने सुप्रीम कोर्ट को सुनवाई के दौरान दी जानकारी में बताया कि उन्होंने भ्रामक विज्ञापनों पर 67 समाचार पत्रों में बिना शर्त सार्वजनिक माफी मांगी है। मामले की सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच को बाबा रामदेव और अचार्य बालकृष्ण ने बताया कि वे अपनी गलतियों के लिए बिना शर्त माफी मांगते हुए अतिरिक्त विज्ञापन भी जारी करना चाहते हैं।
वाणिज्य मंत्रालय ने एमडीएच और एवरेस्ट से भी मांगा ब्यौरा
वहीं, सिंगापुर और हांगकांग (Singapore and Hong Kong) में एवरेस्ट और एमडीएच कंपनी के मसाला उत्पाद की गुणवत्ता पर सवाल उठाने के बीच एवरेस्ट फूड प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (एवरेस्ट स्पाइसेज) ने कहा कि उसके सभी उत्पाद सुरक्षित और उच्च गुणवत्ता के हैं। हालांकि, खाद्य नियामक ने देश में बिकने वाले मसालों की गुणवत्ता की जांच कराने की बात कही है। वाणिज्य मंत्रालय ने एमडीएच और एवरेस्ट से भी ब्यौरा मांगा है।
एवरेस्ट ने अपने उत्पाद पर लगे प्रतिबंध पर दी सफाई
एवरेस्ट ने जारी बयान में कहा कि हमारे उत्पादों पर किसी देश में प्रतिबंध नहीं है। कंपनी ने बताया कि एवरेस्ट के 60 उत्पादों में से केवल एक को जांच के लिए रखा गया है। यह एक मानक प्रक्रिया है, कोई प्रतिबंध नहीं। कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि हम अपने ग्राहकों को आश्वस्त करते हैं कि हमारे उत्पाद सुरक्षित और उच्च गुणवत्ता वाले हैं, इसलिए चिंता की कोई आवश्यकता नहीं है।
एमडीएच और एवरेस्ट के मसाले पर लगा है प्रतिबंध
दुनिया में मसालों के सबसे बड़े उत्पादक, उपभोक्ता और निर्यातक भारत ने सिंगापुर और हांगकांग के खाद्य सुरक्षा नियामकों से दो भारतीय कंपनियों के मसाला उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने से संबंधित ब्योरा मांगा है। इस संबंध में भारत ने दोनों देशों में भारतीय दूतावासों से मामले की जानकारी भी मांगी है। दरअसल इन दोनों देशों ने हाल ही में गुणवत्ता संबंधी चिंताओं की वजह से एमडीएच और एवरेस्ट कंपनियों के कुछ मसाला उत्पादों पर प्रतिबंध लगा दिया है। इनमें एवरेस्ट फिश करी मसाला, एमडीएच मद्रास करी पाउडर (मद्रास करी के लिए मसाला मिश्रण), एमडीएच सांभर मसाला मिश्रित मसाला पाउडर, और एमडीएच करी पाउडर मिश्रित मसाला पाउडर शामिल है।