Rakshabandhan 2024 : हर साल श्रावण पूर्णिमा पर रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 19 अगस्त, सोमवार यानी कल मनाया जाएगा। हर बार की तरह इस बार भी रक्षाबंधन पर भद्रा का संयोग बन रहा है, जिसके चलते आधे दिन बहनें अपने भाइयों को राखी नहीं बांध पाएंगी। बहुत कम लोगों को पता है कि भद्रा क्या है और इसे अशुभ क्यों मानते हैं। आगे जानिए भद्रा से जुड़ी खास बातें…
क्या है भद्रा? (What is Bhadra)
ज्योतिष शास्त्र और ग्रंथों में भद्रा के बारे में जानकारी मिलती है। भद्रा सूर्यदेव की पुत्री और शनिदेव की बहन है। इसका रंग काला है और दांत बड़े और तीखे हैं। जन्म लेते ही भद्रा ने सृष्टि में उत्पात मचाना शुरू कर दिया और और शुभ कार्यों में बाधा डालने लगी थी। तब परमपिता ब्रह्मा ने उसे शांत किया और करण (तिथि का आधा हिस्सा) में सातवां स्थान दे दिया। ब्रह्माजी जी ने भद्रा से कहा कि ‘तुम्हारे निश्चित समय में कोई शुभ काम करे तो तुम उसे नष्ट कर सकती हो, शेष समय तुम्हें शांत रहना होगा।’ भद्रा ने ब्रह्माजी की बात मान ली।
क्यों रक्षाबंधन पर ही बनता है भद्रा का संयोग ?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पंचांग के 5 मुख्य अंग हैं, इनमें से करण भी है। ये एक तिथि का आधा हिस्सा होता है। इनकी संख्या 11 है। इनमें से 1 विष्टि करण भी है। इसे ही भद्रा भी कहा जाता है। भद्रा करण का संयोग पूर्णिमा तिथि पर बनता है। रक्षाबंधन का पर्व भी इसी तिथि पर मनाया जाता है इसलिए हर साल ये स्थिति बनती है।
19 अगस्त को भद्रा की टाइमिंग
19 अगस्त, सोमवार रात 03 बजकर 05 मिनट से भद्रा शुरू होगा, जो दोपहर 01 बजकर 32 मिनिट तक रहेगा। भद्रा काल समाप्त होने के बाद यानी दोपहर 01:32 के बाद रक्षाबंधन पर्व मनाना शुभ रहेगा।
Rakshabandhan 2024 में राखी बांधने का शुभ मुहूर्त (Rakhi Timing)
हिंदू पंचांग के अनुसार राखी बांधने का शुभ मुहूर्त दोपहर 01:30 से रात्रि 09:07 तक रहेगा। कुल मिलाकर शुभ मुहूर्त 07 घंटे 37 मिनट का होगा।
भद्रा से जुड़ी प्रचलित कथा
प्रचलित कथा के अनुसार, त्रेतायुग में राक्षसों के राजा रावण की बहन शूर्पणखा ने भद्रा के दौरान ही रावण को राखी बांधी थी, जिसके कारण एक साल के अंदर ही उसका समूल नाश हो गया। इसलिए रक्षाबंधन पर भद्रा के दौरान राखी बांधना अशुभ माना जाता है।
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