National Task Force : कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर की रेप-मर्डर के बाद पूरे देश में डॉक्टर्स व पैरामेडिकल स्टॉफ की सिक्योरिटी प्रोटोकॉल (Security Protocol) के लिए मांग तेज हो गई है। डॉक्टर्स का प्रतिनिधिमंडल स्वास्थ्य मंत्री (Education Minister) से मिलने के अलावा PM Modi को भी पत्र लिख चुका है। डॉक्टर्स की सुरक्षा को लेकर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा ऐलान किया। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि हम डॉक्टर्स की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेते हैं। देशभर के डॉक्टर्स, मेडिकल प्रोफेशनल्स की सुरक्षा के लिए क्या-क्या उपाय किए जा सकते हैं इसके लिए टॉस्क फोर्स बनाया जा रहा है। यह टॉस्क फोर्स सिक्योरिटी, वर्किंग कंडीशन और अन्य प्रोटोकाल्स पर रिपोर्ट करेगा।

CBI, एक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करे
ट्रेनी डॉक्टर रेप-मर्डर मामले में सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने स्वत: संज्ञान लेते हुए सुनवाई की है। भारत के मुख्य न्यायाधीश ने केंद्रीय जांच एजेंसी को आदेश दिया कि हम चाहते हैं कि CBI एक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करे, जांच की स्थिति से अवगत कराए। उन्होंने कहा कि हम एक नेशनल टास्क फोर्स का गठन कर रहे हैं। वे सीनियर और जूनियर सभी डॉक्टरों के लिए सुरक्षा उपायों के लिए देश भर में अपनाए जाने वाले तौर-तरीकों पर सिफारिशें देगा। टॉस्क फोर्स में 9 डॉक्टर्स को शामिल किया गया है।
कौन-कौन हैं National Task Force में शामिल ?National Task Force में शामिल लोग इस प्रकार हैं:-
वर्क प्लेस पर सुरक्षा का मुद्दा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सुनवाई के दौरान सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, “हमने इस मामले में स्वत: संज्ञान लेने का फैसला इसलिए किया है क्योंकि यह कोलकाता के एक अस्पताल में हुई किसी विशेष हत्या से संबंधित मामला नहीं है. यह पूरे भारत में डॉक्टरों की सुरक्षा से संबंधित मुद्दों को उठाता है.”
चीफ़ जस्टिस ने कहा, “कार्यस्थल की सुरक्षित स्थिति बनाने के लिए एक राष्ट्रीय प्रोटोकॉल होना चाहिए. अगर महिलाएँ कार्यस्थलों में नहीं जा सकतीं और सुरक्षित महसूस नहीं कर सकतीं, तो हम उन्हें समान अवसर से वंचित कर रहे हैं.”
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