महंत राघवाचार्य हुए पंचत्व में विलीन, अंतिम संस्कार में पहुंचे कई नेता धर्मगुरु

राजस्थान में मौजूद सीकर जिले के रैवासा धाम के पीठाधीश्वर महंत राघवाचार्य का आज सुबह 11:00 अंत्येष्टि कार्यक्रम हुआ। उनको मुखग्नि उत्तराधिकारी राजेंद्र दास महाराज ने दी। अंत्येष्टि कार्यक्रम में कई बड़े लोग मौजूद रहे जैसे- नेता, धर्मगुरु आदि। इसके अलावा काफी संख्या में आम लोगों ने भी उनके अंतिम कार्यक्रम में हिस्सा लिया।

Written By : सुनील कुमार साहू | Updated on: August 31, 2024 11:21 pm

हिंदू धर्म में मानने वाले लोगों के लिए आज और कल 30 अगस्त का  दिन बड़ा कष्ट- दायक रहा. धर्मगुरू व राजस्थान के सीकर जिले  में रैवासा धाम के पीठाधीश्वर महंत राघवाचार्य (Mahant Raghavacharya) का कल 30 अगस्त  की सुबह बाथरूम में दिल का दौरा पड़ने के बाद मृत्यु हो गई । आज सुबह 11:00 रैवासा गांव के मंदिर में ही उनके अंत्येष्टि का कार्यक्रम हुआ। उनको मुखग्नि उनके उत्तराधिकारी राजेंद्र दास महाराज ने अपने हाथों से दी। महंत राघवाचार्य वेदांत विषय व संस्कृत भाषा के बड़े ज्ञानी थे। अंतिम यात्रा जानकीनाथ मंदिर से होते हुए रैवासा गांव पहुंची और उसके बाद वापस मंदिर परिसर में आई। महंत राघवाचार्य के अंतिम संस्कार में कई ब्मंत्री, धर्म गुरु व आम लोगों ने शिरकत की और उन्हें इस दुनिया से विदा किया।

कौन थे Mahant Raghavacharya

महंत राघवाचार्य का जन्म 8 सितंबर 1952 को उत्तर प्रदेश के हमीरपुर शहर के पास विरखड़ा गांव में हुआ था। उन्होंने चित्रकूट शहर से संस्कृत की शिक्षा प्राप्त की व वाराणसी में 11 साल तक वेदों का अध्ययन किया। महंत राघवाचार्य ने जिंदगी में दो बार स्वर्ण पदक हासिल किया। पहली बार साल 1981 में वेदांत विषय में सबसे ज्यादा नंबर लाने के लिए और दूसरी बार अखिल भारतीय संस्कृत प्रतियोगिता में यह उपलब्धि हासिल की। इसके बाद साल 1983 में रैवासा आकर महंत शालिग्रामाचार्य से दीक्षा प्राप्त की और उसके बाद सबसे अंतिम में 25 फरवरी 1984 को रैवासा पीठ के पिठाधिपति की उपाधि हासिल की ।

इनका सबसे बड़ा योगदान राम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान रहा जब इनको एक ही दिन में 10 सभाएं करनी पड़ती थी। जिसकी वजह से उन्हें बाद में बोलने में बड़ी दिक्कत आई।

अब तक हुए रैवासा गद्दी के पीठाधीश्वर

  • अग्रदेवाचार्य जी महाराज
  • विनोदाचार्य जी महाराज
  •  ध्यानदास जी महाराज
  •  चरणदास  जी महाराज
  •  बालकृष्ण दास जी महाराज
  •  सुखराम दास जी महाराज
  • रामसेवकाचार्य जी महाराज
  •  केशवाचार्य जी महाराज
  •  जानकी दास जी महाराज
  •  सहजराम जी महाराज
  •  भागीरथ दास जी महाराज
  •  रामानुज दास जी महाराज
  •  चतुर्भुज दास जी महाराज
  •  जानकी वल्लभाचार्य जी महाराज
  • शालग्राचार्य जी महाराज
  • महंत राघवाचार्य जी महाराज
  •  राजेंद्र दास जी महाराज

महंत राघवाचार्य ने लिखी थी वसीयत

साल 2015 में महंत  जी ने अपनी वसीयत लिखी थी। इस वसीयत को राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी ने सरपंच की मौजूदगी में पढ़ कर सुनाई। वसीयत में महंत राघवाचार्य जी ने महाराज राजेंद्र दास को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर रखा था।

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