Haryana Assembly Polls: 5 अक्टूबर को हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इस बार हरियाणा की राजनीति कई वजहों से ज्यादा गरम है। सत्ता विरोधी भावनाओं को किसानों और पहलवानों के विरोध प्रदर्शन से हवा मिल रही है। सरकारी कर्मचारियों में भी काफ़ी नाराजगी है। दूसरी ओर जाट समुदाय भी इस बार अलग रुख अपनाने की ओर बढ़ता दिखाई रहा है। इस बीच पहलवान विनेश फोगाट के राजनीति में आने की चर्चा है। कहा जा रहा है कि वह गेम चेंजर बन सकती हैं।
किसानों के विरोध प्रदर्शन में हुईं शामिल
विनेश फोगाट किसानों के विरोध प्रदर्शन में शामिल हुईं हैं। ऐसी चर्चा है कि वह राज्य की राजनीति में उतर सकती हैं। अगर वह राजनीति में आती हैं तो इससे WFI (Wrestling Federation of India) के पूर्व अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ चल रहे मामले की चर्चा भी तेज होगी। बृज भूषण महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने के आरोपी हैं। इससे भाजपा की मुश्किलें बढ़ जाएंगी।
कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने पहलवानों के मुद्दे को उठाया था, और इसे 2024 के लोकसभा चुनावों में जिंदा रखा था। हरियाणा विधानसभा चुनावों में भी इस मुद्दे का असर होने की संभावना है। विपक्षी दल इसके लिए पूरा जतन कर रहें हैं।
29 साल की विनेश फोगाट शनिवार को शंभू बॉर्डर (Shambhu Border) पर किसानों के विरोध प्रदर्शन में शामिल हुईं। उन्होंने कहा कि वह किसानों के साथ हैं। विनेश ने 27 अगस्त को जींद में खाप पंचायतों से मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने कहा था कि उन पर राजनीति में शामिल होने का दबाव है।
क्या राजनीति में उतरने को तैयार हैं विनेश फोगाट?
विनेश फोगाट के लिए राजनीति नई चीज नहीं है। वह राजनीतिक बैकग्राउंड वाले परिवार से आती हैं। उनकी चचेरी बहन बबीता फोगाट ने 2019 में दादरी सीट से भाजपा के टिकट पर हरियाणा विधानसभा चुनाव (Haryana Assembly Polls) लड़ा था, लेकिन हार गईं थीं।
बृजभूषण सिंह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने वाले पहलवानों में विनेश फोगाट आगे रहीं थीं। माना जा रहा है कि विनेश का झुकाव कांग्रेस की ओर है। सूत्रों के अनुसार यदि विनेश फोगाट चुनाव लड़ने का फैसला करती हैं तो वह दादरी सीट से अपनी ही बहन बबीता के खिलाफ चुनाव लड़ सकतीं हैं।
साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया समेत कई पहलवानों ने बीते साल बृजभूषण सिंह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था। यह मुद्दा लोकसभा चुनाव के दौरान खूब गूंजा था। अब हरियाणा विधानसभा चुनाव (Haryana Assembly Polls) में भी यह अहम मुद्दा बनता जा रहा है।
भाजपा से नाराज है जाट समाज
लोकसभा चुनाव के दौरान जाट समुदाय और किसानों ने भाजपा के खिलाफ अपना असंतोष ज़ाहिर किया है। इसका फायदा कांग्रेस को मिला। कांग्रेस फिलहाल ग्रामीण इलाकों में आगे दिख रही है। हरियाणा में भाजपा के खिलाफ सत्ता विरोधी भावना सिर्फ जाटों और किसानों तक ही सीमित नहीं है। माना जा रहा है कि पहलवान और सरपंच भी राज्य सरकार से खुश नहीं हैं। 2019 में सभी 10 लोकसभा सीटें जीतने के बावजूद भाजपा ने केंद्रीय मंत्रिमंडल में एक भी जाट नेता को शामिल नहीं किया। 2014 के बाद से जाट समाज से किसी को भी मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया।
कांग्रेस में है विनेश फोगाट का स्वागत: भूपेंद्र हुड्डा
हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि अगर विनेश फोगाट कांग्रेस में शामिल होतीं हैं तो उनका स्वागत है। विनेश फोगाट ने जींद, रोहतक और शंभू बॉर्डर पर खाप पंचायतों और किसानों से मुलाकात की है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बेटे और पार्टी सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा को विनेश के साथ पेरिस से घर लौटते समय देखा गया था।
ये भी पढ़ें: हिन्दी सिनेमा में वंचित शुरुआत से ही सार्थक ढंग से पेश हुए