मुंबई के बांद्रा रेलवे स्टेशन पर रविवार को गोरखपुर की ओर जा रही एक ट्रेन पर चढ़ने के दौरान यात्रियों के बीच भगदड़(stampede ) की घटना हुई। इस घटना में कम से कम नौ लोग घायल हुए हैं, जिसने रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चिंता बढ़ा दी है। यह घटना एक बार फिर से यात्रियों की सुरक्षा के लिए आवश्यक उपायों की कमी को उजागर करती है।
Stampede की इस घटना के बाद, शिवसेना (UBT) के नेता आदित्य ठाकरे ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की क्षमता पर सवाल उठाते हुए कड़ा बयान दिया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर लिखा, “काश रेल मंत्री सच में रेल के मामलों पर ध्यान देते। बांद्रा की घटना केवल यह दर्शाती है कि वर्तमान रेल मंत्री कितने अयोग्य हैं। भाजपा ने अश्विनी वैष्णव जी को महाराष्ट्र में चुनावों के लिए प्रभारी बनाया है, लेकिन हर सप्ताह रेलवे से जुड़ी घटनाएँ सामने आ रही हैं। यह हमारे देश के लिए शर्मनाक है कि हमें ऐसे अयोग्य मंत्रियों के अधीन रहना पड़ता है।”
पश्चिम रेलवे ने इस घटना पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा, “27 अक्टूबर 2024 को लगभग 02:45 बजे, यात्री ट्रेन संख्या 22921 अंत्योदय एक्सप्रेस को प्लेटफार्म संख्या 01 पर लाया जा रहा था। इसी दौरान कुछ यात्री चलती ट्रेन पर चढ़ने का प्रयास कर रहे थे, जिससे दो यात्री गिरकर घायल हो गए।”
इस घटना ने भारतीय रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़ा कर दिया है। यात्रियों की सुरक्षा को लेकर पिछले कुछ समय में कई चिंताएँ व्यक्त की गई हैं। रेलवे प्रशासन को चाहिए कि वह तत्काल प्रभावी कदम उठाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएँ न हों। क्या रेलवे विभाग इस गंभीर मुद्दे को संजीदगी से लेगा, यह देखना महत्वपूर्ण होगा।
बांद्रा रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ ने एक बार फिर से यह स्पष्ट कर दिया है कि रेलवे को अपनी सुरक्षा व्यवस्था में सुधार करने की आवश्यकता है। आदित्य ठाकरे की टिप्पणियाँ केवल एक राजनीतिक दृष्टिकोण नहीं, बल्कि यात्रियों की सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण मुद्दा भी हैं। रेल मंत्री को इस स्थिति को गंभीरता से लेते हुए उचित कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके और यात्रियों का विश्वास पुनः स्थापित किया जा सके।
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