भारतीय टीम के दिग्गज स्पिनर आर अश्विन ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे टेस्ट मैच के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी। यह मुकाबला ब्रिस्बेन में ड्रॉ समाप्त हुआ। अश्विन ने मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कप्तान रोहित शर्मा के साथ अपने संन्यास का ऐलान किया। अश्विन ने 106 टेस्ट मैचों में 537 विकेट लेकर भारतीय टेस्ट इतिहास में अनिल कुंबले (619 विकेट) के बाद दूसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज के रूप में विदाई ली।
अश्विन ने कहा, “आज मेरे लिए भारतीय क्रिकेटर के तौर पर आखिरी दिन है।” संन्यास की घोषणा करते हुए उन्होंने सवालों का जवाब देने से इनकार कर दिया और मंच छोड़ दिया।
अश्विन की शानदार टेस्ट यात्रा
38 वर्षीय आर अश्विन ने अपनी टेस्ट यात्रा के दौरान कई शानदार प्रदर्शन किए। खासकर घरेलू मैदानों पर वे भारतीय टीम के प्रमुख गेंदबाज बने। उन्होंने 2014 से 2019 के बीच भारतीय टेस्ट टीम को शीर्ष पर पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई। अश्विन ने अपने करियर में न केवल गेंदबाजी में बल्कि बल्लेबाजी में भी कई उपयोगी पारियां खेलीं।
उन्होंने 106 टेस्ट मैचों में 537 विकेट झटके। इसके अलावा, उन्होंने 181 वनडे मैचों में 228 विकेट और 65 टी20 मैचों में 72 विकेट लिए। वनडे में उन्होंने 116 मैचों में 156 विकेट झटके, जिसमें उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 4/25 रहा। उन्होंने 707 रन भी बनाए, जिसमें एक अर्धशतक शामिल है।
टी20 अंतरराष्ट्रीय में अश्विन ने 23.22 की औसत से 72 विकेट लिए और उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 4/8 रहा। उन्होंने टी20 में 184 रन भी बनाए।
संन्यास की घोषणा के बाद कप्तान रोहित शर्मा ने कहा, “अश्विन अपने फैसले को लेकर बहुत आश्वस्त थे। हमें उनके फैसले का सम्मान करना चाहिए।”
संन्यास के कुछ समय पहले अश्विन को विराट कोहली के साथ ड्रेसिंग रूम में एक भावुक क्षण साझा करते देखा गया। बीसीसीआई ने भी अश्विन को “जादूगरी, कौशल, और नवाचार का प्रतीक” बताते हुए श्रद्धांजलि दी।
भारतीय क्रिकेट में अमिट छाप
अश्विन के संन्यास के साथ भारतीय क्रिकेट को एक बड़ा झटका लगा है। उन्होंने न केवल गेंदबाजी में अपना दबदबा बनाया, बल्कि 2011 विश्व कप और 2013 चैंपियंस ट्रॉफी जीतने वाली टीम का भी हिस्सा रहे।
कुल 765 अंतरराष्ट्रीय विकेटों के साथ अश्विन भारत के दूसरे सबसे सफल गेंदबाज रहे। अब युवा खिलाड़ियों के लिए उनकी जगह भरना एक बड़ी चुनौती होगी।
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