लालू ने खोले दरवाजे, नीतीश ने साधी चुप्पी, सियासी हलचल तेज़

लालू यादव ने नीतीश कुमार को फिर से विपक्षी INDIA गठबंधन में शामिल होने का निमंत्रण दिया, नीतीश कुमार ने इसका रहस्यमय तरीके से जवाब दिया।

Written By : MD TANZEEM EQBAL | Updated on: January 2, 2025 10:24 pm

पटना: राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रमुख लालू प्रसाद यादव के “दरवाजे खुले हैं” वाले बयान ने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कुमार ने गुरुवार को इस बयान पर चुप्पी साधते हुए एक रहस्यमय प्रतिक्रिया दी। जब पत्रकारों ने उनसे लालू यादव के बयान के बारे में पूछा, तो नीतीश कुमार कुमार मुस्कुराए और हाथ जोड़ते हुए केवल इतना कहा, “क्या बोल रहे हैं?” इसके बाद उन्होंने कोई और विस्तार से टिप्पणी नहीं की। इस संक्षिप्त प्रतिक्रिया ने इस बयान को लेकर अटकलों को और हवा दी है।

लालू यादव ने एक साक्षात्कार में कहा था, “हमारे दरवाजे नीतीश कुमार कुमार के लिए खुले हैं। उन्हें भी अपने गेट खोलने चाहिए। इससे दोनों ओर से लोगों का आना-जाना आसान हो जाएगा।” यह बयान बिहार की राजनीति में एक नए गठबंधन की चर्चा को जन्म दे रहा है, जहां ये दोनों नेता पहले भी साथ काम कर चुके हैं। उनके बीच का रिश्ते हमेशा ही उथल-पुथल भरा रहा है, लेकिन इस बार ये बयान खासकर इसलिए चर्चा में है क्योंकि नीतीश कुमार वर्तमान में भाजपा-एनडीए के साथ गठबंधन में हैं।

बिहार की राजनीति में पुरानी साझेदारी
लालू यादव और नीतीश कुमार का राजनीतिक इतिहास एक बिखरे हुए गठबंधनों और मतभेदों से भरा हुआ है। नीतीश ने पिछले एक दशक में दो बार राजद के साथ गठबंधन किया है। 2015 में महागठबंधन के तहत राजद, कांग्रेस और जदयू की एक साथ सरकार बनी थी, लेकिन इसके बाद 2017 में नीतीश कुमार ने भाजपा के साथ हाथ मिला लिया और महागठबंधन से बाहर आ गए। इसके बाद वह 2024 में फिर से एनडीए में शामिल हुए, लेकिन अब लालू यादव द्वारा की गई टिप्पणी ने इस गठबंधन के भविष्य को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं।

तेजस्वी यादव ने दिया बयान
लालू यादव के बयान पर उनके बेटे और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने प्रतिक्रिया दी और इसे मीडिया की जिज्ञासा शांत करने के प्रयास के रूप में बताया। उन्होंने कहा, “लालू यादव ने वही कहा जो मीडिया के सवालों का जवाब देने के लिए कहना था।” तेजस्वी ने आगे कहा कि नया साल बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार का अंत देखेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार अब एक छोटे समूह के प्रभाव में आकर बिहार की शासन व्यवस्था से बाहर हो गए हैं और उन्हें बिहार की राजनीति चलाने की क्षमता नहीं रही है।

जदयू और बीजेपी का रुख
जदयू के नेता और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने लालू यादव के बयान को नकारते हुए कहा, “एनडीए सरकार मजबूत है। जदयू और बीजेपी एकजुट हैं, और बिहार में इस गठबंधन का भविष्य स्पष्ट है। लोग जो चाहें कह सकते हैं, लेकिन हम अपनी स्थिति में दृढ़ हैं।” इस बयान ने इस बात की पुष्टि की कि नीतीश कुमार और उनकी पार्टी जदयू फिलहाल भाजपा के साथ पूरी तरह से खड़ी है, और उनका झुकाव फिर से राजद की ओर नहीं है।

राजनीतिक चर्चाओं का केंद्र
लालू यादव के बयान और नीतीश कुमार की चुप्पी ने बिहार की राजनीति को एक बार फिर से चर्चा का केंद्र बना दिया है। जबकि तेजस्वी यादव और जदयू नेता अपनी-अपनी बातें कर रहे हैं, राजनीतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि यह बयान राजनीतिक ड्रामा का हिस्सा हो सकता है, और लालू यादव ने इसे जानबूझकर मीडिया के ध्यान को अपनी ओर खींचने के लिए किया हो सकता है।

आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या लालू यादव और नितीश कुमार के बीच कोई नया गठबंधन बनता है या यह सब महज बयानबाजी तक सीमित रहता है। अगर गठबंधन होता है तो बिहार की राजनीतिक धारा में फिर से बड़ा बदलाव आ सकता है, क्योंकि बिहार में राजनीति के ये दोनों दिग्गज हमेशा से ही एक-दूसरे के लिए एक मजबूत ताकत रहे हैं।

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