दिल्ली विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही राजनीतिक गहमागहमी तेज हो गई है। आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को चुनाव आयोग से मुलाकात कर भाजपा के उम्मीदवार परवेश वर्मा के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि वर्मा “खुलेआम पैसे बांट रहे हैं” और फर्जी वोटरों को जोड़ने का षड्यंत्र रच रहे हैं।
भ्रष्ट आचरण का आरोप
चुनाव आयोग से मिलने के बाद केजरीवाल ने कहा, “नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र के भाजपा उम्मीदवार परवेश वर्मा खुलेआम नौकरी कैंप आयोजित कर रहे हैं और पैसे बांट रहे हैं। यह चुनाव आयोग के नियमों के तहत भ्रष्ट आचरण है। आयोग को वर्मा के चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगाना चाहिए और उनके घर पर छापा मारकर यह पता लगाना चाहिए कि उनके पास कितनी अवैध नकदी है।”
फर्जी वोटरों की शिकायत
केजरीवाल ने फर्जी वोटरों को जोड़ने का बड़ा घोटाला होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में 15 दिसंबर से 7 जनवरी तक 22 दिनों के भीतर 5,500 आवेदन मतदाता सूची से वोट हटाने के लिए आए। जब इन आवेदनों की जांच की गई तो पता चला कि ये सभी फर्जी थे। जिन लोगों के नाम पर आवेदन किए गए थे, उन्होंने इन आवेदनों की जानकारी से इनकार किया।”
उन्होंने आगे कहा, “पिछले 15 दिनों में 13,000 नए वोट जोड़ने के आवेदन आए हैं। यह फर्जी वोट बनाने की साजिश है, जिसमें दूसरे राज्यों से लोगों को लाकर मतदाता सूची में शामिल किया जा रहा है। यह एक बड़ा चुनावी घोटाला है।”
स्थानीय चुनाव अधिकारियों पर पक्षपात का आरोप
आप नेता ने स्थानीय चुनाव अधिकारी (DEO) पर भाजपा के समर्थन में काम करने का आरोप लगाते हुए उन्हें निलंबित करने की मांग की। उन्होंने कहा, “स्थानीय चुनाव अधिकारी भाजपा की गलत गतिविधियों को बढ़ावा दे रहे हैं। चुनाव आयोग को इस पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।”
भाजपा पर निशाना
बुधवार को केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि भाजपा ने दिल्ली के सात सांसदों को फर्जी वोट बनाने का काम सौंपा है। इससे पहले भी उन्होंने कहा था कि भाजपा मतदाता सूची से नाम हटाने और फर्जी नाम जोड़ने की कोशिश कर रही है।
चुनाव आयोग का बयान
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा, “भारतीय मतदाता काफी जागरूक हैं। मतदाता सूची से जुड़े सभी दावे और आपत्तियां राजनीतिक दलों के साथ साझा की जाती हैं। फॉर्म-7 के बिना किसी भी मतदाता का नाम हटाना संभव नहीं है।”
दिल्ली चुनाव कार्यक्रम
दिल्ली विधानसभा चुनाव 5 फरवरी को एक ही चरण में होंगे, जबकि मतगणना 8 फरवरी को की जाएगी।
राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप के बीच अब यह देखना दिलचस्प होगा कि चुनाव आयोग इन शिकायतों पर क्या कदम उठाता है और क्या यह मामला चुनावी नतीजों को प्रभावित करेगा।
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