मोदी को $21 मिलियन मिले?” – ट्रंप के दावे पर कांग्रेस का BJP पर हमला

: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को USAID से $21 मिलियन मिले। कांग्रेस ने इस पर बीजेपी से सफाई मांगी है।

Written By : MD TANZEEM EQBAL | Updated on: February 24, 2025 12:19 am

नई दिल्ली: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को कहा कि यूएसएआईडी (USAID) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘मतदाता टर्नआउट’ के लिए $21 मिलियन दिए। इस बयान के बाद भारतीय राजनीति में भूचाल आ गया है। कांग्रेस ने इस मुद्दे को लपकते हुए भाजपा पर निशाना साधा, जबकि मोदी सरकार ने अब तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि यह धनराशि भारत में आई भी या नहीं।

BJP पर उलटा पड़ा दांव

पूरे हफ्ते भाजपा यूएसएआईडी फंडिंग को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी को घेरती रही। पार्टी ने व्हाइट हाउस से आ रही खबरों के आधार पर कांग्रेस पर विदेशी मदद लेने के आरोप लगाए। लेकिन अब ट्रंप के इस नए बयान ने भाजपा को बैकफुट पर ला दिया है।

व्हाइट हाउस में गवर्नर्स वर्किंग सेशन के दौरान ट्रंप ने कहा, और $21 मिलियन जा रहे हैं मेरे दोस्त प्रधानमंत्री मोदी को भारत में मतदाता टर्नआउट के लिए। हम भारत में मतदाता टर्नआउट के लिए $21 मिलियन दे रहे हैं। हमारे यहां क्या? गवर्नर, मुझे भी मतदाता टर्नआउट चाहिए।”

किकबैक स्कीमऔर किसे जिताने की कोशिश?’

गुरुवार को ट्रंप ने इस फंडिंग को किकबैक स्कीम” बताया था। उन्होंने पहले यह भी संकेत दिया था कि यह पैसा किसी और को जिताने के लिए खर्च किया गया। हालांकि, उन्होंने यह साफ नहीं किया कि कोई और” कौन है।

भाजपा ने पहले ट्रंप के बयानों को राहुल गांधी और कांग्रेस के खिलाफ इस्तेमाल किया, लेकिन इस बार ट्रंप के बयान में मोदी का नाम आने पर पार्टी असहज हो गई। भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने ट्रंप की टिप्पणी को दोहराया लेकिन मोदी का संदर्भ हटा दिया

कांग्रेस ने भाजपा को घेरा

कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में सवाल उठाया, प्रधानमंत्री मोदी को अपने दोस्त ट्रंप से बात कर यह आरोप खारिज करवाना चाहिए कि अमेरिका ने उन्हें और भारत को मतदाता टर्नआउट के लिए $21 मिलियन देने की योजना बनाई थी।”

उन्होंने भाजपा और संघ पर तीखा हमला करते हुए कहा कि “RSS-BJP और उसकी पूरी इकोसिस्टम को झूठ फैलाने के लिए बेनकाब और दंडित किया जाना चाहिए।”

खेड़ा ने इस बात की भी याद दिलाई कि USAID का पहला फंड ($3,65,000) 2012-13 में आया था, जब:

  • अन्ना हज़ारे आंदोलन चरम पर था,
  • अरविंद केजरीवाल अपनी पार्टी बना रहे थे,
  • नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री पद के दावेदार के रूप में उभर रहे थे।

खेड़ा ने सवाल उठाया, तो बताइए, इन फंड्स का फायदा किसे मिला? लोकसभा में 282 सीटें किसे मिलीं?”

उन्होंने यह भी बताया कि USAID ने अक्टूबर 2016 में कैशलेस इंडिया कैंपेन शुरू किया, ठीक नोटबंदी से एक महीने पहले। इसके अलावा, स्वच्छ भारत अभियान में भी USAID की भागीदारी थी।

मोदी सरकार की चुप्पी क्यों?

The Indian Express की रिपोर्ट के मुताबिक, USAID का यह फंड भारत के लिए नहीं, बल्कि बांग्लादेश के लिए था। लेकिन मोदी सरकार ने अब तक यह नहीं बताया कि यह पैसा भारत में आया या नहीं, और यदि आया तो किसे मिला—सरकार को या किसी NGO को?

अब कांग्रेस ने सरकार से सभी USAID फंडिंग पर श्वेत पत्र (White Paper) जारी करने की मांग की है।

डोनाल्ड ट्रंप के नए बयान से भाजपा के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं। जो मुद्दा भाजपा ने कांग्रेस पर हमला करने के लिए उठाया था, अब उसी पर वह खुद घिर गई है। अब देखना होगा कि मोदी सरकार इस मुद्दे पर क्या सफाई देती है।

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