कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद शशि थरूर ने पार्टी हाईकमान को स्पष्ट संदेश देते हुए कहा है कि अगर कांग्रेस को उनकी सेवाओं की जरूरत नहीं है, तो उनके पास करने के लिए और भी बहुत कुछ है। यह बयान ऐसे समय आया है जब केरल में सत्तारूढ़ वाम मोर्चा (LDF) की नीतियों की तारीफ करने पर कांग्रेस में अंदरूनी विवाद शुरू हो गया है।
थरूर का बचाव: “मैंने सिर्फ राज्य की प्रगति की बात की”
शशि थरूर ने कांग्रेस पार्टी की आलोचनाओं का जवाब देते हुए कहा कि उन्होंने सिर्फ केरल के विकास और स्टार्टअप सेक्टर में हो रही तरक्की की बात की थी। उनकी इस टिप्पणी का वाम दलों ने स्वागत किया, लेकिन कांग्रेस के भीतर इसे पार्टी लाइन से अलग हटकर बोलने के रूप में देखा गया।
थरूर ने कहा:
“अगर पार्टी मुझे चाहती है, तो मैं पार्टी के लिए मौजूद हूं। लेकिन अगर नहीं, तो मेरे पास अपने दूसरे काम हैं। आपको यह नहीं सोचना चाहिए कि मेरे पास कोई विकल्प नहीं है। मेरे पास किताबें लिखने, भाषण देने और दुनिया भर में अलग-अलग मंचों पर आमंत्रण मिलने जैसे कई विकल्प हैं।”
केरल में कांग्रेस की स्थिति पर थरूर की चिंता
2024 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को अच्छी सफलता मिली थी, लेकिन इसके बाद हुए राज्य विधानसभा चुनावों में पार्टी कोई खास प्रदर्शन नहीं कर पाई। थरूर ने कांग्रेस नेतृत्व को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर पार्टी अपनी पहुंच नहीं बढ़ाती, तो वह लगातार तीसरी बार विपक्ष में बैठने को मजबूर होगी।
उन्होंने कहा:
“कांग्रेस सिर्फ अपने परंपरागत वोट बैंक के सहारे चुनाव नहीं जीत सकती। राष्ट्रीय स्तर पर हमारा वोट प्रतिशत 19% था। अगर हमें सरकार बनानी है, तो हमें इसे 26-27% तक बढ़ाने की जरूरत है। हमें उन मतदाताओं का भी समर्थन चाहिए जिन्होंने पिछले दो चुनावों में हमें वोट नहीं दिया।”
मोदी की तारीफ पर भी मचा बवाल
थरूर पर केवल वाम मोर्चे की तारीफ करने को लेकर ही नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात की सराहना करने पर भी कांग्रेस के भीतर सवाल उठे। पार्टी नेताओं ने इसे कांग्रेस की आधिकारिक नीति के खिलाफ बताया, लेकिन थरूर ने स्पष्ट किया कि उन्होंने भारत के हित में यह बयान दिया था, न कि किसी राजनीतिक दल के समर्थन में।
उन्होंने कहा:
“राजनीति में हमेशा सिर्फ पार्टी हित की भाषा नहीं बोली जा सकती। कभी-कभी देश के व्यापक हित को भी ध्यान में रखना जरूरी होता है।”
कांग्रेस में बढ़ती दरार?
शशि थरूर की हालिया टिप्पणियों से कांग्रेस के भीतर मतभेद बढ़ते दिख रहे हैं। केरल में कांग्रेस पार्टी के कुछ नेताओं ने उनके खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए उन्हें पार्टी लाइन का पालन करने की नसीहत दी।
पार्टी के एक क्षेत्रीय मुखपत्र ने एक संपादकीय में लिखा:
“थरूर की राजनीतिक शैली कांग्रेस के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। अगर वह इस तरह पार्टी को भीतर से कमजोर करते रहे, तो इससे सिर्फ प्रतिद्वंद्वी दलों को ही फायदा होगा।”
हालांकि, थरूर ने अपने बचाव में कहा कि वह अमेरिका में शानदार करियर छोड़कर भारत की सेवा करने के लिए लौटे थे और उनका मकसद सिर्फ देशहित में काम करना है।
क्या थरूर कांग्रेस छोड़ सकते हैं?
थरूर के बयान “मेरे पास और भी विकल्प हैं” को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं कि क्या वह कांग्रेस छोड़ने की तैयारी में हैं? हालांकि, उन्होंने अब तक इस पर कोई सीधा जवाब नहीं दिया है, लेकिन उनके हालिया बयानों से इतना जरूर साफ हो गया है कि वह कांग्रेस नेतृत्व से संतुष्ट नहीं हैं।
अब देखना होगा कि कांग्रेस इस मसले को कैसे संभालती है और थरूर पार्टी में बने रहते हैं या नहीं।
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