भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का सेमीफाइनल मंगलवार 4 मार्च को दुबई में खेला जाएगा। इस मैच में पिच की भूमिका अहम रहने वाली है। दुबई की पिच आमतौर पर धीमी रहती है, जहां स्पिनर्स का बोलबाला रहता है। अब तक के आंकड़े बताते हैं कि यहां पहली पारी का औसत स्कोर सिर्फ 239 रहा है, जो बाकी मैदानों की तुलना में काफी कम है। ऐसे में भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों को अपनी गेंदबाजी रणनीति पर खास ध्यान देना होगा।
भारत के लिए प्लेइंग इलेवन का सिरदर्द
भारतीय टीम को तय करना होगा कि क्या वे चार स्पिनर्स के साथ उतरेंगे या फिर मोहम्मद शमी जैसे तेज़ गेंदबाज़ को मौका देंगे। वरुण चक्रवर्ती ने न्यूजीलैंड के खिलाफ शानदार प्रदर्शन किया था, जिससे उनका खेलना लगभग तय है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि सिराज और शमी में से किसे बाहर किया जाए।
शमी का अनुभव और ट्रैविस हेड के खिलाफ उनका रिकॉर्ड भारत के लिए फायदेमंद हो सकता है। हेड, जो भारत के खिलाफ हमेशा शानदार खेलते हैं, तेज़ गेंदबाजों की राउंड द विकेट गेंदबाज़ी से थोड़े असहज नजर आते हैं। अगर शमी प्लेइंग इलेवन में शामिल होते हैं, तो पावरप्ले में भारत को बड़ा फायदा मिल सकता है।
स्पिन के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया की परीक्षा
ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को हाल ही में श्रीलंका में स्पिन खेलने में दिक्कत हुई थी, और दुबई की पिच भी उनके लिए कुछ वैसी ही चुनौती पेश कर सकती है। भारत के पास कुलदीप यादव, रविंद्र जडेजा और अक्षर पटेल जैसे शानदार स्पिनर्स हैं, जो ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को परेशानी में डाल सकते हैं।
ऑस्ट्रेलिया को खासतौर पर वरुण चक्रवर्ती के खिलाफ सावधान रहना होगा। उनकी गेंदों को पढ़ना आसान नहीं होता, और धीमी पिच पर वे और भी खतरनाक साबित हो सकते हैं।
श्रेयस अय्यर और ज़म्पा की जंग
भारतीय बल्लेबाजी की बात करें तो रोहित शर्मा, विराट कोहली और शुभमन गिल जैसे बड़े नाम टीम में हैं, लेकिन मिडिल ऑर्डर में श्रेयस अय्यर पर भी नजरें टिकी होंगी। अय्यर स्पिन के खिलाफ बेहतरीन बल्लेबाजी करते हैं और ऑस्ट्रेलिया के पार्ट-टाइम गेंदबाजों पर हावी हो सकते हैं।
हालांकि, ऑस्ट्रेलियाई लेग स्पिनर एडम ज़म्पा भारत के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन कर चुके हैं। उनके खिलाफ भारतीय बल्लेबाजों का औसत 40 से भी कम है। ऐसे में ज़म्पा की गेंदबाजी ऑस्ट्रेलिया के लिए अहम साबित हो सकती है।
सेमीफाइनल में स्पिनर्स की भूमिका कितनी अहम होगी, यह तो मैच के दौरान ही पता चलेगा। लेकिन एक बात तय है—यह मुकाबला सिर्फ दो टीमों के बीच नहीं, बल्कि रणनीति और संयम की भी परीक्षा होगा।
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