अखिल भारतीय गीत ग़ज़ल मंच के तत्त्वावधान में आगामी 12 मार्च को बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के ऐतिहासिक सभागार में एक भव्य राष्ट्रीय वासंतोत्सव कवि-सम्मेलन और मुशायरा आयोजित हो रहा है, जिसमें देश के 9 नामचीन कवियों, शायरों और कवयित्रियों के गीत, ग़ज़ल के साथ प्रेम, ऋंगार और हास्य रस की रचनाओं का आनन्द सुधी श्रोता उठा सकेंगे। एक ओर जहाँ अंतर्राष्ट्रीय ख्याति के शायर डा कुँवर जावेद जो कोटा, राजस्थान से पधार रहें है और अमेठी, उत्तर प्रदेश की शायरा संदल अफ़रोज़ की ग़ज़लों से गुलज़ार होगी महफ़िल, वहीं वाराणसी के सुख्यात कवि डा चकाचौंध ज्ञानपुरी और बाराबंकी के चर्चित कवि विकास बौखल की हास्य रचनाएँ श्रोताओं को अंदर तक गुदगुदायगी।
यह जानकारी देते हुए मंच और सम्मेलन के अध्यक्ष डा अनिल सुलभ ने बताया है कि उपरोक्त कवियों के अतिरिक्त अलवर, राजस्थान से गीत के लोकप्रिय कवि वैभव वर्मा, धौलपुर के वरिष्ठ हास्य-कवि रामबाबू सिकरवार, सतना, मध्य प्रदेश की चर्चित कवयित्री कृपा संगम, देवरिया उत्तर प्रदेश के बादशाह प्रेमी और भोपाल के अत्यंत संजीदा शायर डा अंजुम बाराबंकवी की रचनाओं से भी बिहार के सुधी श्रोता जुड़ेंगे। कवि-सम्मेलन के संयोजक और मंच के महासचिव आनन्द किशोर मिश्र संपूर्ण वासंतोत्सव का संचालन करेंगे।
सम्मेलन अध्यक्ष डा सुलभ की अध्यक्षता में आयोजित इस राष्ट्रीय कवि-सम्मेलन में विशिष्ट श्रोता के रूप में सुप्रसिद्ध कला-संगीत और साहित्य-प्रेमी तथा रुबन मेमोरियल अस्पताल के निदेशक-प्रमुख डा सत्यजीत कुमार सिंह तथा सुप्रसिद्ध मनोरोग-विशेषज्ञ डा विनय कुमार समेत बड़ी संख्या में प्रबुद्ध श्रोता उपस्थित रहेंगे।
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