नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) खिलाड़ियों के परिवारों की यात्रा से जुड़े नियमों में बदलाव कर सकता है, खासतौर पर विराट कोहली की नाराजगी के बाद फेमिली डिक्टेट नियम में। इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अगर खिलाड़ी विदेशी दौरे के दौरान अपने परिवार को लंबे समय तक साथ रखना चाहते हैं, तो उन्हें इसके लिए अनुमति लेनी होगी।
क्या है BCCI का ‘फेमिली डिक्टेट‘ नियम?
विराट कोहली क्यों नाराज?
विराट कोहली ने इस नियम पर असंतोष जाहिर किया और कहा कि
“उच्च दबाव वाले माहौल में खिलाड़ियों के लिए उनके करीबी लोगों का साथ होना बहुत जरूरी है, खासकर विदेशी दौरों पर।”
BCCI के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इंडिया टुडे को बताया कि
“अगर कोई खिलाड़ी चाहता है कि उसका परिवार लंबे समय तक दौरे में रहे, तो उसे अनुमति लेनी होगी। BCCI मामले को परिस्थिति के अनुसार देखेगा।”
कपिल देव ने क्या कहा?
भारत के 1983 विश्व कप विजेता कप्तान कपिल देव का मानना है कि
“खिलाड़ियों के साथ उनके परिवार होने चाहिए, लेकिन संतुलन भी जरूरी है।”
“हमारे समय में, क्रिकेट बोर्ड से कहे बिना ही हम खुद यह तय करते थे कि दौरे के पहले हिस्से में सिर्फ क्रिकेट पर ध्यान देंगे और बाद के हिस्से में परिवार को बुलाएंगे। यह संतुलन जरूरी है।”
क्या बदलाव संभव हैं?
चैंपियंस ट्रॉफी में क्या हुआ था?
हाल ही में संपन्न चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान विराट कोहली, रवींद्र जडेजा और मोहम्मद शमी के परिवार वाले उनके साथ दुबई में थे, लेकिन टीम होटल में नहीं ठहरे।
उनके रहने का खर्च BCCI ने नहीं, बल्कि खुद खिलाड़ियों ने उठाया।
अब आगे क्या?
BCCI का फैसला आने वाले महीनों में साफ होगा, लेकिन विराट कोहली की नाराजगी के बाद बदलाव की संभावनाएं बढ़ गई हैं।
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