प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा नदी जल समझौते पर अपनी नीति स्पष्ट करते हुए कहा कि पानी और खून साथ-साथ नहीं बह सकता। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेनाओं ने जिस तरह से अपने शौर्य का प्रदर्शन किया उसके लिए सैल्यूट किया। साथ ही इस ऑपरेशन के दौरान जिस तरह से पूरा राष्ट्र एकजुट रहा उसके लिए देश की जनता का आभार व्यक्त किया। प्रधानमंत्री ने बताया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारत के कोटि-कोटि लोगों की भावनाओं का प्रतिबिंब है। 7 मई की सुबह पूरी दुनिया ने इसे परिणाम में बदलते देखा। देश एकजुट होता है तो फौलादी फैसले लिए जाते हैं।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ खत्म नहीं हुआ पाकिस्तान की गुहार पर इसे सिर्फ स्थगित किया गया है। वह क्या रवैया अपनाता है इसे समय की कसौटी पर नापेंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने सेना के पराक्रम को देश की माताओं, बहनों और बेटियों को समर्पित करते हुए कहा कि आतंकवाद के खिलाफ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारत की नई नीति है।
उन्होंने पाकिस्तान की आलोचना करते हुए कहा आतंक के खिलाफ कार्रवाई में भारत का साथ देने के बजाय पाकिस्तान भारत पर ही हमला कर दिया। कहा कि भारत ने आतंक के हेडक्वाटर्स को उजाड़ दिए। 100 से अधिक आतंक के आकाओं के खत्म कर दिए। पाकिस्तान ने जब हमारे सैन्य ठिकानों पर हमला किया भारत के सशक्त एयर डिफेंस सिस्टम ने उसके हमलों को तिनके की तरह बिखेर दिए। भारतीय सेने ने तीन दिनों में ही पाकिस्तानी ठिकानों को तबाह कर दिया। पाकिस्तान बचने के लिए रास्ते खोजने लगा। 10 मई की दोपहर पाकिस्तानी DGMO ने सीजफायर के लिए भारत को फोन किया। पाकिस्तान की गुहार के बाद भारत ने जवाबी कार्रवाई को स्थगित किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अब मेड इन इंडिय डिफेंस इक्यूप्मेंट्स का समय आ चुका है।पूरी दुनिया इसकी प्रमाणिकता देख चुकी है। उन्होंने कहा कि यदि पाकिस्तान को बचना है तो उसे टेटर इंफ्रास्ट्रक्चर खत्म करना ही होगा। आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस बेहतर दुनिया की गारंटी है। उन्होंने कहा कि भारत का शक्तिशाली होना जरूरी है और जरूरत पड़ने पर इसका इस्तेमाल भी जरूरी है। युद्ध के मैदान में हमने पहले भी पाकिस्तान को धूल चटाई है।
ये भी पढ़ें :-<Ceasefire : DGMO ने बताया,’ऑपरेशन सिंदूर’ दुश्मन को कितना पड़ा भारी