गोपालपुर में कल भार्गवास्त्र का परीक्षण किया गया था। इसे भारतीय कंपनी सोलर इंडस्ट्रीज इंडिया लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी सोलर डिफेंस एंड एयरोस्पेस लिमिटेड ने तैयार किया है।
भार्गवास्त्र ड्रोनों के समूह (Swarms) को 2.5 किलोमीटर दूर से मार गिराने में सक्षण है। इसमें ऐसे ड्रोन्स को मार गिराने के लिए अत्यंत छोटे (Micro) रॉकेट्स का इस्तेमाल किया गया है।इस वजह से दुश्मन के ड्रोन के झुंड को मार गिराने में बहुत अधिक खर्च नहीं आएगा। बंगाल की खाड़ी में हुए परीक्षणों में ये सभी लक्ष्यों को हासिल करने में कामयाब रहा। भार्गवास्त्र 20 मीटर के दायरे में किसी भी लक्ष्य को भेदने में कामयाब है। समुद्री तल से 5000 मीटर की ऊंचाई पर भी ये सटीक लक्ष्य भेद सकता है। पिछले हफ्ते भारत-पाकिस्तान युद्ध पाकिस्तान की ओर से जिस तरह से एस साथ समूह में ड्रोन हमले किए जा रहे थे उन परिस्थितियों के लिए ये भार्गवास्त्र बिल्कुल किफायती और सही रक्षा प्रणाली है।
c4I यानि कमांड, कंट्रोल, कम्युनिकेशन, कंप्यूटर्स और इंटेलीजेंस तकनीक से लैस इस प्रणाली में लगे रडॉर किसी भी खतरे को 6 से 10 किलोमीटर दूर से ही किसी भी छोटे से छोटे आसमानी खतरे का पता लगा लेने में सक्षम है। कल 13 मई को गोपालपुर में इसके तीन परीक्षण किए गए। एक एक रॉकेट दागकर दो टेस्ट किए गए। फिर साल्वो मोड में दो सेकंड के अंदर दो रॉकेट दाग कर परीक्षण किया गया। सभी परीक्षण पूरी तरह सफल रहे। इसे भारत के मेड इन इंडिया अभियान की सफलता में एक और उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है। ऐसे समय में जब ड्रोन हमलों का खतरा बढ़ता जा रहा है, इसे भारत के लिए स्वदेशी रक्षा प्रणाली के विकास में एक बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है।
ये भी पढ़ें :-पाकिस्तान की ओर से जारी है ड्रोन हमले, भारत दे रहा माकूल जवाब