जन्मकुंडली का रहस्यमय और गूढ़ भाव माना जाता है अष्टम भाव

अष्टम भाव (8वाँ भाव) जन्म कुंडली का एक रहस्यमयी और गूढ़ भाव माना जाता है। इसे "आयुष्य भाव" भी कहा जाता है, और यह जीवन, मृत्यु, आयु, दुर्घटनाएं, विरासत, गुप्त विद्याएं, आध्यात्मिक परिवर्तन, और पुनर्जन्म से संबंधित विषयों को दर्शाता है।

Written By : नीतेश तिवारी | Updated on: May 18, 2025 12:47 am

अष्टम भाव के मुख्य संकेत :

1. आयु और मृत्यु:

यह भाव व्यक्ति की आयु, जीवन की लंबाई, और मृत्यु के प्रकार की जानकारी देता है।

यदि अष्टम भाव और इसके स्वामी पर शुभ ग्रहों की दृष्टि हो, तो दीर्घायु मिलती है।

पाप ग्रहों की दृष्टि या स्थिति होने पर अचानक दुर्घटनाएं, स्वास्थ्य समस्याएं, या अकाल मृत्यु की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।

2. गुप्त ज्ञान और रहस्य:

इस भाव से गुप्त विद्या (जैसे तंत्र, मंत्र, ज्योतिष, आध्यात्मिक रहस्य) का ज्ञान, शोध, और खोज से जुड़ी योग्यता देखी जाती है।

व्यक्ति को अगर राहु, केतु, शनि, या मंगल का प्रभाव हो, तो गहरी शोधात्मक प्रवृत्ति हो सकती है।

3. उत्तराधिकार और संपत्ति:

अष्टम भाव से पैतृक संपत्ति, बीमा, विरासत, पति या पत्नी की संपत्ति के लाभ को देखा जाता है।

अगर यह भाव मजबूत हो और शुभ ग्रह हों, तो उत्तराधिकार में संपत्ति मिलने के योग बनते हैं।

4. शारीरिक और मानसिक परिवर्तन:

यह भाव परिवर्तन, आंतरिक पुनर्जन्म, ट्रॉमा और ट्रांसफॉर्मेशन से जुड़ा होता है।

कई बार यह भाव व्यक्ति के जीवन में गहरे मोड़ और मानसिक उथल-पुथल लाता है।

5. वैवाहिक जीवन में गहराई या संकट:

यह भाव जीवनसाथी के साथ शारीरिक और भावनात्मक गहराई को दर्शाता है, लेकिन वहीं इससे जुड़ी परेशानियां, धोखा या अलगाव भी दर्शाता है।

अष्टम भाव में ग्रहों का प्रभाव:

सूर्य: व्यक्ति आत्म-अंतर्दृष्टि वाला हो सकता है, परंतु पिता से दूरी या स्वास्थ्य समस्याएं संभव।

चंद्रमा: मानसिक रूप से संवेदनशील, रहस्यमयी स्वभाव, कभी-कभी मानसिक उतार-चढ़ाव।

मंगल: दुर्घटनाओं की संभावना, तीव्र गुप्त इच्छाएं, मजबूत सेक्स ड्राइव।

बुध: शोध-विश्लेषण में प्रवीण, गुप्त जानकारी में रुचि।

गुरु: आध्यात्मिक परिवर्तन, विरासत में लाभ।

शुक्र: जीवनसाथी की संपत्ति से लाभ, गहरी रोमांटिक इच्छाएं।

शनि: जीवन में कठिन परिवर्तन, लंबी आयु, परंतु बाधाएं।

राहु-केतु: आध्यात्मिक या रहस्यमयी अनुभव, कभी-कभी अचानक जीवन परिवर्तक घटनाएं

अष्टम भाव में विभिन्न राशियों की स्थिति यह दर्शाती है कि जीवन, मृत्यु, रहस्य, विरासत, गूढ़ ज्ञान और ट्रांसफॉर्मेशन से जुड़ी परिस्थितियाँ व्यक्ति के जीवन में कैसे आएंगी। हर राशि की प्रकृति अलग होती है, इसलिए जब वे अष्टम भाव में होती हैं, तो उनका प्रभाव भी उसी अनुसार होता है – कुछ राशियाँ यहां शुभ मानी जाती हैं, कुछ अशुभ या चुनौतीपूर्ण।

अष्टम भाव में राशियों के प्रभाव

1. मेष राशि (Aries) – अग्नि तत्व, मंगल की राशि

प्रभाव:

तीव्र परिवर्तन, अचानक घटनाएं

साहसी परंतु जल्दबाज़ स्वभाव

दुर्घटनाओं की संभावनाएं

सेक्स ड्राइव प्रबल

शुभ: यदि मंगल मजबूत हो
अशुभ: यदि मंगल पाप ग्रहों से पीड़ित हो

2. वृषभ राशि (Taurus) – पृथ्वी तत्व, शुक्र की राशि

प्रभाव:

गुप्त संपत्ति से लाभ

आराम और विलासिता के प्रति आकर्षण

स्थिर मानसिकता

लंबे जीवन की संभावना

शुभ: विरासत से लाभ, गुप्त ज्ञान में रुचि
अशुभ: ज़िद्दी स्वभाव से मानसिक समस्याएं

3. मिथुन राशि (Gemini) – वायु तत्व, बुध की राशि

प्रभाव:

गुप्त संवाद या रहस्य जानने में रुचि

शोध, ज्योतिष, मनोविज्ञान में रुचि

मानसिक बेचैनी

निर्णय में अस्थिरता

शुभ: बुद्धिमत्ता से संकटों से पार
अशुभ: अत्यधिक चिंता या द्वंद्व

4. कर्क राशि (Cancer) – जल तत्व, चंद्रमा की राशि

प्रभाव:

भावनात्मक गहराई

मानसिक संवेदनशीलता

मृत्यु या हानि से गहरे भावनात्मक असर

पारिवारिक विरासत से जुड़ाव

शुभ: आध्यात्मिकता, करुणा
अशुभ: मानसिक अवसाद की प्रवृत्ति

5. सिंह राशि (Leo) – अग्नि तत्व, सूर्य की राशि

प्रभाव:

आत्म-परिवर्तन की तीव्र प्रक्रिया

अधिकार की इच्छा

गुप्त सत्ता या शक्ति में रुचि

अहंकार से संकट

शुभ: लीडरशिप गुण
अशुभ: वर्चस्व की लड़ाई, घातक अहं

6. कन्या राशि (Virgo) – पृथ्वी तत्व, बुध की राशि

प्रभाव:

अनुसंधान, विश्लेषण में निपुण

स्वास्थ्य संबंधी सावधानी

मानसिक रूप से सतर्क

आध्यात्मिक उपचार क्षमता

शुभ: सेवा-भाव, समस्याओं का विश्लेषण
अशुभ: अत्यधिक आलोचना या चिंता

7. तुला राशि (Libra) – वायु तत्व, शुक्र की राशि

प्रभाव:

संतुलित दृष्टिकोण

वैवाहिक जीवन में गहराई

कानूनी विरासत लाभ

रोमांटिक गहराई

शुभ: सुंदरता व समरसता से उभरना
अशुभ: निर्णय लेने में झिझक

8. वृश्चिक राशि (Scorpio) – जल तत्व, मंगल/केतु की राशि

प्रभाव:

अष्टम भाव की स्वाभाविक राशि – यहाँ सबसे गहरा प्रभाव

गूढ़ता, रहस्य, ट्रांसफॉर्मेशन

तीव्र इच्छाशक्ति, आध्यात्मिक शक्ति

दुर्घटनाएं या रहस्यमय जीवन मोड़

शुभ: तपस्या, परिवर्तन की शक्ति
अशुभ: हिंसा, कटुता, आत्मविनाश

9. धनु राशि (Sagittarius) – अग्नि तत्व, गुरु की राशि

प्रभाव:

गूढ़ दर्शन में रुचि

मृत्यु के बाद के जीवन में विश्वास

गाइड बनने की प्रवृत्ति

भाग्य और ट्रांसफॉर्मेशन का संबंध

शुभ: धार्मिक परिवर्तन
अशुभ: कट्टरता या ढोंग

10. मकर राशि (Capricorn) – पृथ्वी तत्व, शनि की राशि

प्रभाव:

धैर्य से जीवन की कठिनाइयों को झेलना

विलंबित परिवर्तन

विरासत में धीरे-धीरे लाभ

हड्डियों या जोड़ों की बीमारी

शुभ: अनुशासन में परिवर्तन
अशुभ: कठोरता, अकेलापन

11. कुंभ राशि (Aquarius) – वायु तत्व, शनि/राहु की राशि

प्रभाव:

अकल्पनीय परिवर्तन

वैज्ञानिक सोच, ज्योतिष में रुचि

सामाजिक ट्रांसफॉर्मेशन

भविष्य दृष्टि

शुभ: इनोवेशन, बदलाव में आगे
अशुभ: भावनात्मक दूरी

12. मीन राशि (Pisces) – जल तत्व, गुरु की राशि

प्रभाव:

गहरे आध्यात्मिक परिवर्तन

स्वप्न, ध्यान, कल्पना की शक्ति

मृत्यु को लेकर दर्शनात्मक सोच

आभासी या अदृश्य दुनिया से जुड़ाव

शुभ: मोक्ष की ओर झुकाव
अशुभ: भ्रम, पलायनवाद

(नीतेश तिवारी, एमसीए, एमएचए हैं और ज्योतिष शास्त्र के अच्छे जानकार हैं.)

ये भी पढ़ें :-जन्मकुंडली का सातवें भाव से वैदिक ज्योतिष में जानते हैं वैवाहिक जीवन के बारे में

4 thoughts on “जन्मकुंडली का रहस्यमय और गूढ़ भाव माना जाता है अष्टम भाव

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