अति पठनीय हैं गोपालराम गहमरी प्रसिद्ध जासूसी कहानियाँ

चर्चित पत्रकार, लेखक संजय कृष्ण लगातार गुमनाम लेखकों, स्थानों और व्यक्तियों पर शोध और अध्ययन करते रहे हैं .एक राष्ट्रीय हिंदी दैनिक से जुड़े संजय ने कई शोधपरक पुस्तकें लिखी हैं .यह संकलन भी उसी श्रृंखला की एक कड़ी है. संजय कृष्ण मूल रूप से उत्तर प्रदेश के गाजीपुर निवासी हैं .उसी जिले के उन्नीसवी सदी के जासूसी कहानियों एक प्रसिद्ध लेखक गोपाल राम गहमरी लगभग भुला दिए गए थे .संजय ने काफी संघर्ष और प्रयास के बाद घूम घूम कर उनके द्वारा लिखी गयी कहानियों की तलाश की, संपादन किया और फिर उसे प्रकाशित किया है.

Written By : प्रमोद कुमार झा | Updated on: July 2, 2025 10:45 pm

संजय कृष्ण मूल रूप से उत्तर प्रदेश के गाजीपुर निवासी हैं .उसी जिले के उन्नीसवी सदी के जासूसी कहानियों एक प्रसिद्ध लेखक गोपालराम गहमरी (Gopalram Gahmari) लगभग भुला दिए गए थे .संजय ने काफी संघर्ष और प्रयास के बाद घूम घूम कर उनके द्वारा लिखी गयी कहानियों की तलाश की, संपादन किया और फिर उसे प्रकाशित किया है.

संकलन के प्रारंभ में संजय कृष्ण ने ग्यारह पृष्ठ की विस्तृत भूमिका लिखी है जिसमें उन्होंने गहमरी जी की रचना और उनके महत्व को रेखांकित किया है. संजय इस बात का खुलासा करना चाहते हैं कि बीसवी सदी में लोकप्रिय हुए प्रायः सभी हिंदी जासूसी कहानी लेखकों के भीष्म पितामह गोपालराम गहमरी ही थे. इसलिए यह आवश्यक है कि हिंदी जासूसी कहानियों (detective stories) पर चर्चा के लिए पहले गोपालराम गहमरी जी को पढ़ा जाये. काफी शोध और पड़ताल के बाद संजय कृष्ण ने इस संग्रह में गोपालराम गहमरी की कुल आठ कहानियाँ शामिल की हैं. ये कहानियाँ हैं 1. गुप्तकथा 2.बाकस में लाश 3.हम हवालात में 4.जासूस को धोखा 5.भयंकर डाकू से मुठभेड़ 6.लंगड़े की सैर 7.सड़क का मुर्दा और 8.मालगोदाम में चोरी.

गहमरी का जन्म 1866 ईस्वी में हुआ था. और उनका निधन 1946 में हो गया था. जाहिर है ये कहानियाँ उन्नीसवी सदी के उत्तरार्द्ध और बीसवीं सदी के पूर्वार्द्ध में लिखी गयी होंगी. इन कहानियों का विशेष महत्व इसलिए भी है कि इसको पढ़कर तत्कालीन शासन व्यवस्था, पुलिस व्यवस्था, आर्थिक व्यवस्था , सामाजिक आचार विचार -व्यवहार और अन्तर्वैयक्तिक संबंधों की भी झांकी मिलती है. हिंदी भाषा की प्रगति को समझने में भी यह संग्रह सहायक होगी . संजय ने कहानियों के प्रारूप और भाषा में कोई मौलिक परिवर्तन नहीं किया है और उसके मूल स्वरूप को बनाये रखा है. गहमरी जी ने हिंदी भाषा के विकास में अभूतपूर्व योगदान किया था. हिंदी साहित्य के लगभग सभी विधाओं में उन्होंने लिखा ,अनुवाद किये और फिर जासूसी कहानियाँ (detective stories) भी लिखीं . संग्रह अति पठनीय और संग्रहणीय है. कागज और छपाई उत्कृष्ट है.

कृति: गोपालराम गहमरी प्रसिद्ध जासूसी कहानियाँ (संकलन-संपादन:संजय कृष्ण ), पृष्ठ:159

प्रकाशक: सस्ता साहित्य मंडल प्रकाशन , मूल्य: रु.150

(प्रमोद कुमार झा तीन दशक से अधिक समय तक आकाशवाणी और दूरदर्शन के वरिष्ठ पदों पर कार्यरत रहे. एक चर्चित अनुवादक और हिन्दी, अंग्रेजी, मैथिली के लेखक, आलोचक और कला-संस्कृति-साहित्य पर स्तंभकार हैं।)

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