Docubay द्वारा निर्मित Operation Maa इस आतंक की दुनिया में झाँकने का एक प्रयास है। इसमें उन नौजवानों की कहानी दिखाई गई है जिन्हें आतंकी संगठन बहला-फुसलाकर कट्टरपंथी बना लेते हैं। लेकिन जहाँ अधिकतर डॉक्युमेंट्रीज़ केवल दुखद अंत तक सीमित रहती हैं, वहीं Operation Maa भारतीय सेना की उस मानवीय भूमिका पर प्रकाश डालती है, जिसमें जवानों को सिर्फ़ आतंक से लड़ते हुए नहीं, बल्कि भटके हुए युवाओं को सुधारते और उन्हें समाज की मुख्य धारा में वापस लाते हुए दिखाया गया है।
इस डॉक्युमेंट्री का केंद्र है लेफ्टिनेंट जनरल कंवलजीत सिंह ढिल्लों का अभियान , जिसकी बदौलत कई परिवार अपने बेटे या भाई को खोने से बचा सके। ढिल्लों के साथ-साथ इसमें अन्य महत्वपूर्ण व्यक्तियों के साक्षात्कार भी शामिल हैं, जो सेना के एक अलग रूप—संरक्षक और मार्गदर्शक—को सामने लाते हैं।
इस डॉक्यूमेंट्री डायरेक्शन तनुज भाटिया ने किया है। निर्देशन काफी सधा हुआ है और कहीं भी भटकाव नहीं है। आज यानी 27 को ही रिलीज हुई इस डाक्यूमेंट्री के जरिए इसके निर्देशक भाटिया ने लोगों तक उस सच्चाई को पहुंचाने का सार्थक प्रयास किया है जो आज भी आम लोग नहीं जानते। यह सच्ची घटनाओं पर आधारित है। ये लोगों की कहानी नहीं बल्कि सच्ची घटनाओं की भावनात्मक अभिव्यक्ति है। ऑपरेशन मां डॉक्यूबे पर रिलीज हो चुकी है।इसे हर भारतीय को एक बार जरूर देखनी चाहिए। यह फिल्म नहीं है लेकिन बहुत रुचिकर है।
डॉक्यूमेंट्री- ऑपरेशन मां (Operation Maa)
डायरेक्शन- तनुज भाटिया (Tanuj Bhatia)
प्लैटफॉर्म- डॉक्यूबे (DocuBay)
रेटिंग: 4/5
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