पीएम मोदी चीन पहुंचे, जापान दौरे की उपलब्धियाँ
जापान दौरे के बाद चीन पहुंचे मोदी ने जापान में अपने समकक्ष शिगेरू इशिबा से विस्तृत वार्ता की। दोनों देशों के बीच 13 अहम समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। जापान ने अगले दशक में भारत में 10 ट्रिलियन येन (करीब 60,000 करोड़ रुपये) का निवेश करने की घोषणा की। इसके साथ ही रक्षा, निर्यात संवर्धन, तकनीकी सहयोग और हरित ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में व्यापक साझेदारी पर सहमति बनी। इस दौरे को भारत-जापान संबंधों में नई ऊँचाई के रूप में देखा जा रहा है।
चीन में गर्मजोशी भरा स्वागत
सात साल बाद प्रधानमंत्री मोदी चीन पहुंचे हैं। तियानजिन में SCO सम्मेलन के लिए पहुंचे प्रधानमंत्री का एयरपोर्ट पर रेड कार्पेट स्वागत किया गया। चीनी अधिकारियों और कलाकारों ने पारंपरिक अंदाज में उन्हें सम्मान दिया। भारतीय समुदाय के लोगों ने भी बड़ी संख्या में पहुंचकर गर्मजोशी से स्वागत किया।
SCO शिखर सम्मेलन और भारत का एजेंडा
SCO शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी आतंकवाद के खिलाफ कठोर रुख, क्षेत्रीय सुरक्षा सहयोग, ऊर्जा सुरक्षा, आर्थिक सहयोग और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर भारत का पक्ष रखेंगे। यह सम्मेलन भारत के लिए न केवल बहुपक्षीय मंच है बल्कि चीन और रूस जैसे प्रमुख देशों के साथ द्विपक्षीय बातचीत का अवसर भी है।
अंतरराष्ट्रीय विश्लेषण
अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, चीन इस सम्मेलन को अमेरिका के प्रभाव के मुकाबले एक वैकल्पिक वैश्विक मंच बनाने की दिशा में देख रहा है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और पीएम मोदी का रेड कार्पेट स्वागत इस रणनीति का प्रतीक माना जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि जापान के साथ भारत की रणनीतिक साझेदारी और चीन में इस तरह का स्वागत एशियाई कूटनीति में भारत की बढ़ती भूमिका को दर्शाता है।
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