जनता को बड़ी राहत : GST के हुए सिर्फ दो स्लैब, “सिन गुड्स” पर 40% टैक्स

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में बुधवार को नई दिल्ली में हुई 56वीं जीएसटी परिषद की बैठक में ऐतिहासिक कर सुधार को मंजूरी दी गई। बैठक में देशभर के वित्त मंत्रियों ने हिस्सा लिया। परिषद ने मौजूदा चार स्लैबों को घटाकर केवल दो प्रमुख स्लैब (5% और 18%) रखने का फैसला किया है, जबकि सिगरेट, पान मसाला और लग्ज़री सामान जैसे “सिन गुड्स” पर 40% टैक्स स्लैब लागू किया जाएगा। नई दरें 22 सितम्बर 2025 से प्रभावी होंगी।

केन्द्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण
Written By : रामनाथ राजेश | Updated on: September 3, 2025 11:56 pm

वित्त मंत्री ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि यह सुधार खासतौर पर “आम आदमी पर ध्यान केंद्रित” करते हुए किए गए हैं। अब टीवी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन, एसी, टूथपेस्ट, शैम्पू और छोटे कार जैसी रोजमर्रा की वस्तुएं सस्ती होंगी। वहीं कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों की जीवनरक्षक दवाओं को जीएसटी से मुक्त कर दिया गया है।

राज्य सरकारों पर असर 

विशेषज्ञों का अनुमान है कि इन कटौतियों से सरकार को करीब 21 अरब डॉलर (लगभग ₹1.8–2 लाख करोड़) के राजस्व का नुकसान हो सकता है। इसका असर सबसे अधिक राज्यों पर पड़ने की संभावना है। वित्त मंत्री ने हालांकि साफ किया कि यह केवल दरों में बदलाव नहीं है, बल्कि संरचनात्मक सुधार भी है। इसमें inverted duty structure यानी उल्टे शुल्क ढांचे को भी दुरुस्त किया गया है।

सिन गुड्स’ पर कड़ी नीति

बैठक में तय किया गया कि सिगरेट, पान मसाला, गुटखा, शराब जैसे उत्पादों पर जीएसटी अब “रिटेल सेल प्राइस (RSP)” के आधार पर लगाया जाएगा। इस श्रेणी को अलग कर 40% टैक्स स्लैब में शामिल किया गया है।

प्रधानमंत्री की प्रतिक्रिया

बैठक के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह निर्णय केंद्र और राज्यों के सामूहिक प्रयास का नतीजा है और इससे किसानों, मध्यम वर्ग और एमएसएमई को सीधा लाभ मिलेगा। उन्होंने इसे आम जनता के लिए “त्योहारों से पहले राहत का पैकेज” बताया।

                                                   प्रमुख बदलाव एक नजर में

श्रेणी/वस्तु                                                                                      नया टैक्स स्लैब
आम उपभोक्ता वस्तुएँ (टीवी, एसी, टूथपेस्ट आदि)                             5% या 18%
जीवनरक्षक दवाएँ                                                                              0% (टैक्स मुक्त)
शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएँ कम दरें
सिन गुड्स (सिगरेट, पान मसाला, गुटखा)                                        40% (RSP पर आधारित)
लग्ज़री सामान (बड़े वाहन, प्रीमियम इलेक्ट्रॉनिक्स)                             40%

जीएसटी परिषद का यह फैसला देश के कर ढांचे में सबसे बड़े बदलावों में गिना जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे जहां खपत बढ़ेगी और बाजार को गति मिलेगी, वहीं राज्यों के राजस्व पर दबाव बढ़ सकता है।

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