उत्तराखंड के पत्रकार राजीव प्रताप की मौत: हादसा या साज़िश?

उत्तराखंड के उत्तरकाशी में पत्रकार राजीव प्रताप की रहस्यमयी मौत ने पूरे देश को झकझोर दिया है। 36 वर्षीय पत्रकार का शव भगीरथी नदी से बरामद हुआ, जिसके बाद से यह बहस छिड़ गई है कि यह महज़ एक कार दुर्घटना थी या किसी साज़िश का नतीजा। पत्रकार समुदाय और उनका परिवार इसे हत्या की आशंका बता रहा है, जबकि पुलिस की विशेष जांच टीम (SIT) ने प्रारंभिक जांच में इसे हादसा करार दिया है।

Written By : महिमा चौधरी | Updated on: October 4, 2025 12:15 am

जांच रिपोर्ट के अनुसार, 18 सितंबर की रात पत्रकार राजीव प्रताप उत्तरकाशी में एक पुलिस हेड कॉन्स्टेबल सोबन सिंह और अपने कैमरा ऑपरेटर मनवीर कालुडा के साथ थे। बताया गया कि राजीव और सोबन ने होटल में बैठकर शराब पी, जिसका CCTV फुटेज भी सामने आया है। रात करीब 11:22 बजे दोनों होटल से बाहर निकलते दिखे। थोड़ी देर बाद फुटेज में राजीव को कार चलाते और सोबन को उतरते देखा गया। इसके बाद 11:38 बजे उनकी कार गंगोरी ब्रिज पर दिखाई दी, लेकिन उसके बाद वह ट्रैक से गायब हो गई।

अगले दिन सुबह, राजीव की कार नदी में गिरी हुई पाई गई। यह कार करीब 50 मीटर नीचे थी, सभी दरवाजे बंद और खिड़कियां ऊपर थीं। इग्निशन ऑन था और आसपास उनका बैग, एक चप्पल और कुछ सामान भी मिला।

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सामने आया कि पत्रकार राजीव प्रताप के सीने और पेट में गंभीर आंतरिक चोटें थीं, लेकिन शरीर पर किसी हमले या बाहरी चोट के निशान नहीं मिले। डॉक्टरों का कहना है कि यह चोटें कार गिरने से भी हो सकती हैं। SIT अब कार की तकनीकी जांच, इलेक्ट्रॉनिक डेटा और कॉल रिकॉर्ड की गहन समीक्षा कर रही है।DGP दीपम सेठ ने कहा है कि जांच पूरी पारदर्शिता के साथ होगी और SIT हर एंगल से पड़ताल कर रही है।

राजीव प्रताप की पत्नी मुस्कान ने इस निष्कर्ष को खारिज करते हुए कहा कि यह मामला सामान्य दुर्घटना नहीं हो सकता। उनका कहना है कि राजीव को उनकी रिपोर्टिंग के कारण धमकियां मिल रही थीं और उनकी मौत की गहन जांच ज़रूरी है। परिवार ने सीबीआई जांच की मांग की है।

पत्रकार संगठनों ने भी इस मामले में चिंता जताई है। उनका कहना है कि यदि किसी पत्रकार को उसकी रिपोर्टिंग के चलते निशाना बनाया गया है तो यह लोकतंत्र और प्रेस की स्वतंत्रता पर गंभीर हमला है।

मामले ने राजनीतिक तूल भी पकड़ लिया है। विपक्षी दल कांग्रेस ने इसे ‘पत्रकारों की सुरक्षा’ पर बड़ा सवाल बताया है। राहुल गांधी समेत कई नेताओं ने ट्वीट कर कहा कि पत्रकार राजीव प्रताप मामले की CBI जांच कराई जानी चाहिए। वहीं, SIT का कहना है कि जल्द ही वे अपनी जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करेंगे।

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