किसानों के लिए घोषणापत्र में विशेष प्रावधान किए गए हैं। इसमें सिंचाई सुविधाओं के विस्तार, उत्पादन लागत घटाने और प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित किसानों के लिए राहत कोष बढ़ाने की घोषणा शामिल है। साथ ही, “स्मार्ट विलेज” और “डिजिटल पंचायत” योजना के तहत गांवों को आधुनिक तकनीक से जोड़ने का रोडमैप प्रस्तुत किया गया है। गरीब परिवारों के लिए 125 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने की घोषणा की गई है। स्वास्थ्य क्षेत्र में नई पीएचसी और सीएचसी केंद्रों के निर्माण, साथ ही आधुनिक चिकित्सा उपकरणों की उपलब्धता बढ़ाने का वादा किया गया है।
घोषणापत्र जारी करते हुए एनडीए नेताओं ने कहा कि बिहार में विकास और सुशासन की प्रक्रिया को और तेज किया जाएगा। उनका दावा है कि यह घोषणापत्र “विकास के अगले चरण की रूपरेखा” तय करेगा और युवाओं को नए अवसर प्रदान करेगा।एनडीए के इस घोषणापत्र को पटना के प्रमुख अखबारों ने रोजगार, महिला सशक्तिकरण और कौशल विकास के एजेंडे पर केंद्रित दस्तावेज़ बताया है। सभी रिपोर्टों में यह स्पष्ट झलकता है कि इस बार गठबंधन ने युवाओं और आर्थिक अवसरों पर विशेष ध्यान दिया है, जिससे राज्य में “रोजगार क्रांति” लाने का प्रयास किया गया है।
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