निर्वाचन आयोग के प्रारंभिक आंकड़ों के अनुसार इस चरण में लगभग 64.43 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया, जिसे पिछली बार की तुलना में सकारात्मक और उत्साहजनक माना जा रहा है।
सुबह 7 बजे शुरू हुआ मतदान प्रारंभिक घंटों में कुछ इलाकों में धीमा रहा, लेकिन दोपहर के बाद वोटिंग की रफ्तार तेज हुई। कई बूथों पर महिलाओं और युवा मतदाताओं की भागीदारी विशेष रूप से उल्लेखनीय रही। पहली बार वोट डालने वाले मतदाताओं और मतदान केन्द्रों पर ‘सखी बूथ’ जैसी व्यवस्थाओं ने भी माहौल को उत्साहपूर्ण बनाए रखा। उल्लेखनीय है की वर्ष 2020 के विधानसभा के चुनाव में पहले चरण में केवल 55.68 प्रतिशत ही वोट पड़े थे। कई स्थानों पर EVM में तकनीकी गड़बड़ी की सूचना मिली। कतारों में देरी तक खड़े रहने और सुरक्षा जांच को लेकर असंतोष की खबरें आईं, जिन्हें स्थानीय प्रशासन और निर्वाचन कर्मियों ने समाधान के साथ संभाला। अधिकांश जिलों में मतदान शांति और सुव्यवस्थित वातावरण में संपन्न हुआ। संवेदनशील माने जाने वाले इलाकों में पुलिस और केंद्रीय बलों की तैनाती सख्त रही।
राजनीतिक दलों की निगाहें इस चरण पर इसलिए भी थीं क्योंकि इन क्षेत्रों में कई बड़े नेताओं और पुराने राजनीतिक घरानों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। राजग और महागठबंधन दोनों ने इसे चुनावी संघर्ष का महत्वपूर्ण मोड़ बताया है। मतदान के बाद दोनों पक्षों के नेताओं ने अपनी-अपनी जीत के दावे किए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने X पर लिखकर पहले चरण में बड़ी बढ़त का दावा किया।
पहले चरण के नतीजे यह संकेत देंगे कि आगामी चरणों में चुनाव की हवा किस दिशा में बह रही है। फिलहाल सभी की निगाहें मतगणना दिवस पर टिकी हुई हैं, लेकिन पहले चरण का उच्च मतदान यह बताता है कि बिहार का मतदाता 2025 के इस चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाने के लिए पूरी तरह सक्रिय है।
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