इस सामरिक युद्ध विराम( Tactical cease fire) से प्रभावित हिस्सों में तेजी से मदद पहुंच सकेगी। युद्ध में शुरुआत में उत्तरी गाजा (Northern Gaza) में भयंकर तबाही हुई है। वहां उत्तरी क्रासिंग से मदद पहुंच रही है। संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि गाजा के आधे से अधिक भवन नष्ट हो गए हैं। दक्षिणी गाजा में युद्ध विराम का आदेश अगले फैसले तक प्रभावी रहेगा।
मानवीय मदद पहुंच सकेगी
इजरायली सेना का कहना है कि इससे उसके देश के नियंत्रण वाले केरेम शेालोम चौराहे तक सहायता ट्रका आसानी से सामान लेकर जा सकेंगे। इसी मार्ग से इजरायली सेना( Israeli Forces) को भी मदद पहुंचाई जाती है। इजरायल का सामरिक युद्ध विराम का फैसला 12 किमी लंबी सड़क पर लागू होगा। यदि यह फैसला कुछ दिनों तक लागू रहा तो युद्ध प्रभावित लोगों तक मानवीय मदद पहुंच सकेगी। गाजा के फलस्तीनी ( Palestinians ) घोर मानवीय संकट का सामना कर रहे हैं।
आधा से अधिक इमारतें नष्ट
अस बीच पिछले 24 घंटों में इजरायली हमले में दर्जनों लोगों सहित पांच बच्चे मारे गए हैं। गाजा की कुल आबादी 23 लाख है जिसमें 47 फीसद बच्चे हैं। युद्ध में अब तक हजारों लोग मारे गए हैं और घायल हुए हैं। 60 प्रतिशत से अधिक इमारतें नष्ट हो गई हैं। 80 फीसद व्यावसायिक भवन ध्वस्त हो गए हैं। 267 पूजा स्थल क्षतिग्रस्त हुए हैं।35 अस्पतालों में 17 की कुछ काम कर पा रहे हैं। 88 प्रतिशत स्कूल नष्ट हो गए हैं। इजरायल ने हमास के आतंकियों के छिपने की आशंका पर इन पर हमले किए थे।
हमास युद्ध विराम पर सहमत
पता चला है कि हमास ने युद्ध विराम संबंधी अमेरिकी प्रस्ताव का समर्थन किया है। कतर में हमास के नेता इस्माइल हनीयेह ने कहा कि हमास और फलस्तीनी समूह एक व्यापक समझौते के लिए तैयार है। इसमें युद्ध विराम के साथ ही गाजा से इजायली सैनिकों की वापसी , नष्ट हिस्से के पुनर्निर्माण और सैनिकों तथा बंधकों की अदला- बदली शामिल है। 31 मई को अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन ( President Jo Biden) ने गााजा में स्थायी युद्ध विराम के लिए तीन चरण वाला प्रस्ताव पेश किया था।
गाजा में न कुछ अंदर न बाहर
दूसरी ओर अल जजीरा की सूचना के अनुसार इजरायल ने तीन दिन के लिए गाजा में न कुछ अंदर जाने और न कुछ बाहर आने देने का आदेश दिया है। इजरायल ने कहा है कि वह अकेले ही गाजा में लड़ सकता है। अंतरराष्ट्रीय दबावों का उसपर कोई असर नहीं पड़ रहा है। उसके अडि़यल रुख के कारण मिस्र से कतर, अमेरिका और हमास के प्रतिनिधि वापस चले गए। अमेरिका द्वारा भेजी जाने वाली हथियारों की खेप रोकने से इजरायल नाराज हो गया है।