आतंकियों से निपटेगी माउंटेन बटालियन
जम्मू-कश्मीर में बढ़ती आतंकी घटनाओं से निपटने के लिए जम्मू – कश्मीर के ऊंचे इलाकों में ऑपरेशन करने के लिए माउंटेन बटालियन बनाने का काम शुरू किया जा रहा है, जिससे आतंकवाद पर कड़ाई से प्रहार होगा और उसपर लगाम लगाया जा सकेगा.
आतंकवाद को जड़ से खत्म करने का प्लान
जम्मू-कश्मीर में पिछले दिनों हुए आतंकी हमलों के बाद केंद्र सरकार आतंकवाद को कंट्रोल करने के साथ उसे जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए स्पेशल प्लान बना रही है. गृहमंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) ने 16 जून को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NAS) अजीत डोभाल (Ajit Dobhal) और उप राज्यपाल मनोज सिन्हा (Manoj Sinha ) के साथ एक समीक्षा बैठक की थी और हालात का जायजा लिया था.
बैठक में CRPF ने अपनी माउंटेन बटालियनों के लिए 659 नए पद बनाने की बात कही है. आने वाले दिनों में CRPF की एक माउंटेन बटालियन तैयार की जाएगी, जो जम्मू- कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन का हिस्सा होगी.
पहाड़ पर आतंकियों ने बनाया ठिकाना
जम्मू- कश्मीर में हाल में हुए आतंकी घटनाक्रम को लेकर यह देखा गया कि आतंकवादी शहरी इलाकों से निकलकर ऊंचे इलाकों में जंगलों की ओर चले गए हैं. उन्होंने पहाड़ों में ठिकाना बनाना शुरू कर दिया है. ऐसे में सेना के लिए यह जरूरी है कि पहाड़ी क्षेत्रों में जवानों का मूवमेंट हो और आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन किए जाएं.
घाटी में आतंकवाद को लेकर गृह मंत्रालय में मंथन
जम्मू-कश्मीर में CRPF अधिक संख्या में तैनात है. साथ ही उसके अधिकार क्षेत्र में आने वाला सबसे बड़ा हिस्सा है, जिसमें छह सेक्टर शामिल हैं जहां 80 ऑपरेशनल बटालियन तैनात हैं. जानकारी के मुताबिक, जम्मू- कश्मीर के ऊंचे इलाकों में ऑपरेशन करने के लिए माउंटेन बटालियन बनाने का काम शुरू किया जा रहा है, जिससे आतंकवाद पर लगाम लगाई जा सके. इसके लिए मौजूदा बटालियन को पहाड़ी युद्ध के लिए ट्रेनिंग दी जाएगी. फिलहाल 659 नए पद बनाए जाएंगे या नहीं ये गृह मंत्रालय के सामने विचार-विमर्श का विषय है.
घाटी में अधिक सुरक्षाबलों की जरूरत
गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू- कश्मीर में बढ़ती आतंकी घटनाओं को लेकर समीक्षा बैठक की है. यह 9 जून को रियासी में तीर्थयात्रियों को ले जा रही एक बस पर हमला के बाद एक काफी महत्वपूर्ण बैठक थी. इस हमले में नौ तीर्थयात्री मारे गए थे और 33 घायल हो गए थे. इसके बाद डोडा और कठुआ जिलों में तीन अलग-अलग मुठभेड़ों में CRPF का एक जवान और दो आतंकवादी मारे गए और सात सुरक्षाकर्मी घायल हो गए थे.सूत्रों ने बताया कि जम्मू पर बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया कि जम्मू सीमा पर मजबूत खुफिया जानकारी जुटाने और घुसपैठ विरोधी ग्रिड को मजबूत करने के अलावा जमीन पर पुलिस और सुरक्षाबलों की अधिक मौजूदगी की जरूरत है.