Budget Session: 23 जुलाई को सरकार देगी जनता को राहत या लादेगी बोझ ?

बहुप्रतीक्षित केंद्रीय बजट पेश करने की तारीख शनिवार को घोषित हो गई। संसदीय कार्यमंत्री किरण रिजिजू के अनुसार बजट सत्र (Budget Session) 22 जुलाई से शुरू होगा और 12 अगस्त तक चलेगा। 23 जुलाई को केंद्रीय वित्तमंत्री बजट पेश करेंगी।

केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण की फाइल फोटो
Written By : रामनाथ राजेश | Updated on: November 6, 2024 12:24 pm

केंद्र सरकार ने बजट सत्र (Budget Session) की घोषणा कर दी है। 22 जुलाई से बजट सत्र शुरू होगा और इसका समापन 12 अगस्त को होगा। संसदीय कार्यमंत्री किरण रिजिजू ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर इसकी जानकारी शेयर की है। उन्होंने लिखा है, “भारत सरकार की संस्तुति पर राष्ट्रपति ने बजट सत्र 2024 के लिए संसद के दोनों सदनों को 22 जुलाई 2024 से 12 अगस्त 2024 तक बुलाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। ( संसदीय कार्य की अनिवार्यताओं के अधीन)। केंद्रीय बजट 2024-25, 23 जुलाई 2024 को लोकसभा में पेश किया जाएगा।”

आर्थिक नीतियों से उद्योग जगत उत्साहित 

इसके साथ ही बजट को लेकर कयासों का बाजार गरम हो गया है। बजट लोक लुभावन होगा या  बजट में जनता को महंगाई से राहत देने के लिए उपाय किए जायेंगे। नरेंद्र मोदी सरकार 3.0 का यह पहला बजट सत्र (Budget Session) होगा जिसे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश करेंगी। देश की अर्थव्यवस्था पटरी पर आ गई है और नई सरकार से सरकार की नीतियों को लेकर उद्योग जगत उत्साहित है। इसका प्रमाण शेयर बाजार में सेंसेक्स से अब तक के सर्वाधिक ऊंचाई 80 हजार पार करके पेश कर चुका है।

मोदी सरकार अब पहले की तरह मजबूत नहीं है। इसी साल महाराष्ट्र, हरियाण, झारखंड और जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव होने हैं।  उम्मीद की जा रही है कि लोकसभा चुनाव में अति आत्मविश्वास की शिकार बीजेपी ने जिस तरह ठोकर खाई है उससे बजट में जनता पर वैसा कोई बोझ नहीं डालेगी जिससे इन राज्यों के चुनावों में एनडीए गठबंधन में शामिल दलों को अपने भविष्य पर खतरा नजर आए।

बीजेपी की लुटिया डूबोने वाले 4 राज्यों में होने हैं इसी साल चुनाव

यहां ये उल्लेखनीय है कि जिन राज्यों में चुनाव होने हैं वे चारों वे राज्य हैं जिन्होंने बीजेपी की लुटिया डुबोने में अपनी तरफ से कोई कसर नहीं छोड़ी है। खासकर महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना के लिए ये अस्तित्व की लड़ाई होगी। हरियाणा में भी संसदीय चुनाव में बीजेपी को 5 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा था। दिल्ली के पास होने के कारण यदि हरियाणा की सत्ता भी बीजेपी के हाथ से फिसलती है तो दिल्ली को संदेश खराब जाएगा।

झारखंड में जेल से निकल कर हेमंत सोरेन फिर हो गए हैं सीएम 

झारखंड मेें हेमंत सोरेन (Hemant Soren) जेल से निकल कर कर फिर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर विराजमान हो गए हैं और आदिवासी बहुल इस प्रदेश की जनता को वे ये बताने की कोशिश कर रहे हैं बीजेपी ने उन्हें झूठे केस में फंसाने की कोशिश की थी। जम्मू-कश्मीर विधानसभा का चुनाव तो सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर इसी साल होने जा रहा है और वहां एडीए की हालत जम्मू में तो ठीक है लेकिन कश्मीर घाटी में बेहद पतली है।

चुनावी राज्यों को तोहफे में क्या देगी सरकार ?

अब देखना ये है कि चुनावी जीत के लिए गठबंधन पर टिकी मोदी सरकार इन राज्यों की जनता को कौन सा तोहफा दे रही है। सरकारी खजाने को लुटाकर वोट हथियाने का जो सिससिला दक्षिण भारत से शुरू हुआ था वह अब दिल्ली और पंजाब में सत्ता तक पहुंचने का फार्मूला बन गया है। देखना ये है कि केंद्रीय बजट लोकलुभावन रहेगा या व्यापक राष्ट्रहित को ध्यान में रखते हुए तैयार किया जाएगा।

एक बात और है कि नई सरकार के पहले संसद सत्र की तरह बजट सत्र (Budget Session) में भी विपक्ष सदन में केंद्र सरकार को घेरने का कोई अवसर छोड़ने नहीं जा रहा है। सदन में हंगामा होना जारी रहेगा।

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