CAA को लेकर मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कही ये बड़ी बात, जानें पूरी खबर

असम में CAA लागू होने के बाद केवल दो लोगों ने ही भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति अवैध तरीके से राज्य में रहते हुए पाया गया तो उसके खिलाफ FIR दर्ज कराई जाएगी।

Written By : दीक्षा शर्मा | Updated on: July 16, 2024 7:06 am

असम (Assam ) में CAA कानून का सख्ती से पालन करने की घोषणा सीएम हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने की है। सीएम सरमा ने कहा कि 2015 के बाद भारत आए लोगों को वापस उनके देश भेजा जाएगा। अगर ऐसे लोग देश में रहना चाहते हैं तो CAA के तहत आवेदन करें। अन्यथा यहां कोई भी अवैध तरीके से नहीं रहेगा। असम में CAA लागू होने के बाद केवल दो लोगों ने ही भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति अवैध तरीके से राज्य में रहते हुए पाया गया तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।

8 लोगों ने किया अप्लाई साक्षात्कार के लिए पहुंचे केवल 2

मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि अभी तक केवल दो लोगों ने नागरिकता के लिए आवेदन किया है। CAA के अनुसार, कोई भी व्यक्ति जो 2015 के पहले आया है, उसे नागरिकता हासिल करने के लिए अप्लाई करने का फर्स्ट राइट है। अगर वे लोग नागरिकता के लिए अप्लाई नहीं करेंगे तो उनके खिलाफ FIR दर्ज होगी। उन्होंने बताया कि केवल आठ आवेदन नागरिकता के लिए आए थे उनमें से भी केवल दो लोग ही संबंधित अधिकारी के पास साक्षात्कार के लिए आए।

असम के सीएम ने नागरिकता आवेदन के लिए दी वार्निंग

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने नागरिकता के लिए आवेदन करने की बात कहते हुए कहा कि यह वैधानिक चेतावनी है कि अगर कोई व्यक्ति जो 2015 के बाद यहां आया है तो उसे देश से बाहर भेजा जाएगा।

कई हिंदू बंगाली परिवारों से संपर्क किया

मुख्यमंत्री सरमा ने बताया कि हमने बराक घाटी में कार्यक्रम आयोजित किए और कई हिंदू बंगाली परिवारों से संपर्क किया और उन्हें सीएए के तहत नागरिकता के लिए आवेदन करने को कहा भी था। हालांकि, उन्होंने ऐसा करने से इन्कार कर दिया कि वे विदेशी ट्रिब्यूनल में अपने मामलों पर लड़ना पसंद करेंगे।

दरअसल, लोकसभा चुनाव के पहले केंद्र सरकार ने नागरिकता कानून सीएए के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया था। इसके तहत केंद्र सरकार ऐसे नागरिकों को भारत की नागरिकता देगी जो 31 दिसंबर 2015 या उसके पहले तक बांग्लादेश, पाकिस्तान या अफगानिस्तान से भारत आ गए थे। हालांकि, इस नोटिफिकेशन के बाद देशभर में विरोध प्रदर्शन हुए थे। असम में ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (All Assam Students Union) सहित 30 संगठनों ने प्रोटेस्ट किया था। यह प्रोटेस्ट राज्यभर में हुए थे।

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