Budget : वित्त मंत्रालय में ‘लॉकडाउन’, संचार के सारे साधन बंद..जानें क्यों?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को मोदी सरकार 3.0 का पहला बजट (Budget) पेश करेंगी. इसके साथ ही बजट को अंतिम रूप देने का काम शुरू हो गया है. हलवा सेरेमनी के साथ वित्त मंत्रालय के करीब 100 अधिकारियों का 'लॉकडाउन शुरू हो गया है.

वित्त मंत्रालय में हलवा सेरेमनी के साथ बजट की प्रक्रिया शुरू
Written By : संतोष कुमार | Updated on: July 17, 2024 9:14 pm

23 जुलाई को पेश होगा आम बजट

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) 23 जुलाई को आम बजट (Budget) पेश करेंगी. मंगलवार को हलवा सेरेमनी के साथ ही बजट को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया शुरू हो गई. बजट की तैयारी के लिए लॉक इन प्रोसेस (lock-in process) से पहले हलवा सेरेमनी का आयोजन किया जाता है. हलवा सेरेमनी के बाद करीब एक हफ्ते तक वित्त मंत्रालय के कुछ चुनिंदा अधिकारी नॉर्थ ब्लॉक के बेसमेंट में रहते हैं. इन लोगों को वित्त मंत्री का बजट भाषण होने के बाद ही बाहर निकलने की अनुमति होती है. ऐसा इसलिए किया जाता है कि बजट से जुड़ी कोई भी जानकारी लीक ना हो.

एक हफ्ते तक वित्त मंत्रालय के अधिकारी रहेंगे बंद

Budget तैयार करने की प्रक्रिया में शामिल कर्मचारियों को एक हफ्ते तक लॉक इन में रहना पड़ेगा. वित्त मंत्रालय के ये अधिकारी पूरी तरह बाहरी दुनिया से कटे रहेंगे. बजट पेश होने के बाद ही इन लोगों को अपने परिवार के सदस्यों और दोस्तों से मिलने की अनुमति मिलेगी. बजट को गोपनीय रखने के मकसद से ऐसा किया जाता है.

अधिकारियों को मोबाइल की अनुमति नहीं

बजट (Budget) को अंतिम रूप देने वाले लोग मोबाइल नहीं रख सकते हैं और न ही उन्हें अपने घर पर बात करने की अनुमति होती है. प्रिंटिंग रूम में केवल एक लैंडलाइन फोन होता है. उसमें भी केवल इनकमिंग की सुविधा होती है. इमरजेंसी की स्थिति में घर पर बात की जा सकती है, लेकिन उसकी बात सुनने के लिए इंटेलिजेंस विभाग का एक आदमी हमेशा वहां रहता है.

बजट बनाने प्रक्रिया पूरी तरह से गुप्त

देश में बजट बनाने की प्रक्रिया को पूरी तरह से गुप्त रखा जाता है. बजट बनने के एक महीने पहले से ही फाइनेंस मिनिस्ट्री में मीडिया की एंट्री बंद हो जाती है. इसकी वजह यह है कि बजट से जुड़ी गोपनीय जानकारी के लीक होने से देश की इकॉनोमी को नुकसान हो सकता है. पूरी जांच पड़ताल के बाद करीब 100 अधिकारियों और कर्मचारियों को बजट बनाने के काम पर लगाया जाता है.

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