Chandipura Virus: गुजरात में छह बच्चों की मौत चांदीपुरा नामक वायरस से हुई है। यह वायरस नया नहीं है और इस वायरस के चलते पहले भी लोग बीमार हो चुके हैं। यह बच्चों के लिए खास तौर पर खतरनाक है और इसका अभी तक कोई इलाज नहीं है।
क्या है चांदीपुरा वायरस ? (What is Chandipura Virus)
चांदीपुरा वायरस (CHPV) रैबडोविरिडे परिवार का सदस्य है। यह भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में फैलता है। यह मुख्य रूप से बच्चों को प्रभावित करता है। इसके लक्षण इन्फ्लूएंजा जैसे होते हैं। इससे पीड़ित का तंत्रिका तंत्र प्रभावित होता है, जिससे मौत तक हो जाती है।
चांदीपुरा वायरस के लक्षण (Symptoms of Chandipura Virus)
तेज बुखार: चांदीपुरा वायरस के संक्रमण के शुरुआती और सबसे आम लक्षणों में से एक अचानक तेज बुखार है।
त्वचा पर दाने आना: त्वचा पर दाने आ सकते हैं। ये हल्के से लेकर गंभीर तक हो सकते हैं।
उल्टी: कई बार रोगी को उल्टी होती है। यह लगातार हो सकती है, जिससे शरीर में पानी की कमी हो जाती है और रोगी की स्थिति गंभीर हो जाती है।
सिरदर्द: चांदीपुरा वायरस का संक्रमण होने पर सिरदर्द होता है। यह अक्सर गंभीर हो जाता है।
न्यूरोलॉजिकल लक्षण: संक्रमण गंभीर हो तो भ्रम हो सकता। रोगी को दौरे पड़ सकते हैं। रोगी कोमा में भी जा सकता है।
मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द: मांसपेशियों में दर्द और जोड़ों में दर्द होता है।
कैसे फैलता है ये वायरस?
चांदीपुरा वायरस मुख्य रूप से संक्रमित सैंडफ्लाई के काटने से मनुष्यों में फैलता है। सैंडफ्लाई इसका मुख्य वाहक हैं। जब कोई सैंडफ्लाई चांदीपुरा वायरस से संक्रमित व्यक्ति को काटती है तो वायरस उसके शरीर में चला जाता है। यह सैंडफ्लाई को संक्रमित नहीं करता, बल्कि उसके शरीर में पड़ा रहता है। जब सैंडफ्लाई किसी दूसरे इंसान को काटती तब वायरस उसके शरीर से निकलकर इंसान के शरीर में पहुंच जाता है। कभी-कभी, मच्छर और टिक जैसे अन्य कीड़े भी इस वायरस को लोगों में फैला सकते हैं, लेकिन यह इतना आम नहीं है।
क्या चांदीपुरा वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है?
चांदीपुरा वायरस सर्दी या फ्लू की तरह नहीं फैलता है। ये वायरस छूने, यौन संपर्क बनाने, छींकने , खांसने या रोगी के पास रहने से नहीं फैलता है । इसका तरीका कोरोना वायरस के फैलने के तरीके से अलग है।
चांदीपुरा वायरस का इलाज (Treatment of Chandipura Virus)
चांदीपुरा वायरस के लिए कोई विशेष दवा नहीं है, इसलिए अगर कोई बीमार हो जाए तो तुरंत मदद लेना ज़रूरी है। उन्हें अस्पताल जाने की ज़रूरत है, जहाँ डॉक्टर उन्हें उनकी स्थिति के आधार पर उपचार देंगे। इससे उन्हें बेहतर होने और गंभीर समस्याओं से बचने में मदद मिलेगी।
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