4 जून तक ही सीएम रहेंगे चंपई सोरेन ?
झारखंड में चल रहे लोकसभा चुनाव के बीच यह चर्चा तेज है कि चंपई सोरेन सिर्फ 4 जून तक ही मुख्यमंत्री हैं। गांडेय विधानसभा सीट से उपचुनाव लड़ रही पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन जीत के बाद झारखंड की सत्ता की कमान संभाल सकती हैं। झारखंडका मुख्यमंत्री बनने में उन्हें कोई दिक्कत नहीं होगी और विरोध भी संभवत: नहीं होगा, क्योंकि उनका विरोध करने वाली उनकी भाभी सीता सोरेन बीजेपी में शामिल हो गई हैं। देवर बंसत सोरेन को मुख्यमंत्री बनना होता तो चंपई सोरेन की जगह उन्हें पहले ही सीएम बना दिया जाता, लेकिन बंसत सोरेन को चंपई कैबिनेट में मंत्री बनाया गया।
इस साल के अंत में होना है विधानसभा चुनाव
इस साल के अंत में झारखंड विधानसभा का चुनाव होना है.। लोकसभा चुनाव में अभी शिबू सोरेन और हेमंत सोरेन की गैरमौजूदगी में पार्टी का सबसे बड़ा चेहरा कल्पना सोरेन हैं। लोकसभा चुनाव की कमान कल्पना सोरेन ने बखूबी संभाल रखा है। गठबंधन में सीट बंटवारा से लेकर चुनाव प्रचार तक में कल्पना सोरेन ही सारा काम कर रही हैं। झामुमो की चुनावी सभा में चुनाव प्रचार के लिए चंपई सोरेने से ज्यादा मांग कल्पना सोरेन की हो रही है। कल्पना सोरेन चुनावी सभा में जहां विपक्ष पर जमकर हमला बोल रही हैं , वहीं जमीन घोटाले में अपने पति को फंसाने का आरोप बीजेपी पर लगा रही हैं और जमकर आदिवासी कार्ड खेल रही हैं। कल्पना सोरेन की सभा में उमड़ रही भीड़ यह बता रही है कि झारखंड की सियासत का सबसे बड़ा चेहरा अभी वही हैं।
हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद पार्टी की संभाली कमान
झारखंड मुक्ति मोर्चा में शिबू सोरेन और हेमंत सोरेन के बाद कल्पना सोरेन पार्टी का सबसे बड़ा चेहरा हैं. लोकसभा चुनाव से पहले जमीन घोटाले में हेमंत सोरेन के जेल जाने से ये सवाल उठ खड़ा हुआ कि झामुमो का नेतृत्व कौन करेगा. लोकसभा चुनाव किसके नेतृत्व में लड़ा जाएगा ? इन सभी सियासी सवालों को दरकिनार करते हुए कल्पना सोरेन बहुत ही कम समय में पार्टी की बड़ी नेता बन गई. दिल्ली में इंडिया गठबंधन की रैली में झामुमो की तरफ से प्रमुख वक्ता बनीं तो रांची में उलगुलान रैली आयोजित कर देशभर के विपक्ष के सभी बड़े नेताओं को जुटाकर कल्पना ने अपनी राजनीतिक कुशलता का परिचय दिया। कल्पना सोरने नने यह बता दिया की झारखंड की राजनीति में झामुमो की वह सबसे बड़ी नेता मौजूदा समय में हैं.
कल्पना सोरेन के नेतृत्व में झामुमो लड़ेगी विधानसभा चुनाव ?
जमीन घोटाले में जेल में बंद हेमंत सोरने को लंबे समय तक जमानत नहीं मिलती है तो कल्पना सोरेन के नेतृत्व में पार्टी विधानसभा का चुनाव लड़ सकती है. ऐसे में कल्पना सोरेन का सीएम पद पर होना जरूरी हो जाता है. लोकसभा चुनाव कल्पना सोरेन के लिए पहली बड़ी राजनीतिक परीक्षा है. कल्पना सोरेन के नेतृत्व में झारखंड में गठबंधन लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करती है तो चार जून के बाद कल्पना सोरन का राज्यभिषेक बगैर किसी विरोध के हो सकता है. कल्पना सोरेन झारखंड की पहली महिला मुख्यमंत्री बन सकती हैं।