-सेना प्रमुख का राष्ट्र को संबोधन, भारत ने सीमा पर बढ़ाई चौकसी
हाइलाइट्स
-जेनरेशन-Z आंदोलनकारियों ने संसद और सरकारी इमारतें फूंकीं
-प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली इस्तीफा देकर हेलीकॉप्टर से अज्ञात स्थान की ओर भागे
-काठमांडू और अन्य शहरों में लूटपाट, आगजनी और झड़पों में दर्जनों लोगों की मौत
-झुमका और नक्खू जेल से 3,000 से ज्यादा कैदी फरार
-नेपाल सेना ने प्रशासनिक जिम्मेदारी संभाली, कर्फ्यू लागू
-भारत ने नागरिकों को नेपाल यात्रा टालने की सलाह दी, सीमा पर हाई अलर्ट
नेपाल में जारी राजनीतिक संकट और जेनरेशन-Z आंदोलन ने भयावह रूप ले लिया। प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन, सरकारी दफ्तरों और नेताओं के आवासों को आग के हवाले कर दिया। कई जेलों पर हमले के बाद 3,000 से अधिक कैदी फरार हो गए। राजधानी काठमांडू की सड़कों पर अराजकता, लूटपाट और आगजनी का माहौल है।
स्थिति नियंत्रण से बाहर होने पर प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इस्तीफा दे दिया और हेलीकॉप्टर से अज्ञात स्थान के लिए रवाना हो गए। इससे नेपाल राजनीतिक शून्य की स्थिति में पहुंच गया है।
आंदोलन की पृष्ठभूमि
कुछ सप्ताह पहले युवाओं ने भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और राजनीतिक अस्थिरता के खिलाफ शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन शुरू किया था। सरकार द्वारा फेसबुक, यूट्यूब और एक्स जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगाने का कदम इस आंदोलन की चिंगारी साबित हुआ। आंदोलन धीरे-धीरे देशभर में फैल गया और हिंसा में बदल गया। हिंसा के बाद सरकार ने सोशल मीडिया पर बैन हटा दिया लेकिन हिंसाा नहीं थमी।
सेना का हस्तक्षेप
हालात बिगड़ने पर नेपाल सरकार ने सेना को प्रशासनिक जिम्मेदारी सौंप दी। सेना प्रमुख जनरल प्रभु राम शर्मा ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा— “नेपाल कठिन दौर से गुजर रहा है। मैं सभी नागरिकों से शांति बनाए रखने और सेना का सहयोग करने की अपील करता हूँ। हम लोकतांत्रिक प्रक्रिया को सुरक्षित रखते हुए शीघ्र स्थिरता लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
भारत की चिंता
भारत ने अपने नागरिकों को नेपाल यात्रा टालने की सलाह दी है। उत्तर प्रदेश और बिहार से लगी भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। कई अंतरराष्ट्रीय उड़ानें रद्द हुईं और चार विमान लखनऊ डायवर्ट किए गए। पैनिटांकी सीमा पर सैकड़ों ट्रक फंसे हुए हैं।
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