नई दिल्ली: दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को दलित छात्रों के लिए एक नई छात्रवृत्ति योजना की घोषणा की। यह घोषणा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के राज्यसभा में बाबासाहेब अंबेडकर पर दिए बयान को लेकर उठे विवाद के बीच आई है। केजरीवाल ने इस योजना को ‘डॉ. अंबेडकर सम्मान छात्रवृत्ति’ नाम दिया है और इसे भाजपा द्वारा अंबेडकर के “अपमान” के जवाब के रूप में पेश किया है।
इस योजना के तहत दिल्ली सरकार सभी दलित छात्रों को विदेश में मुफ्त शिक्षा प्रदान करेगी। केजरीवाल ने कहा, “दलित समुदाय के सरकारी कर्मचारी इस योजना का लाभ उठा सकेंगे। वे अपने बच्चों को विदेश में पढ़ने भेज सकेंगे और उनकी शिक्षा, यात्रा और रहने का पूरा खर्च दिल्ली सरकार वहन करेगी।” हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि इस योजना का लाभ कब और कैसे मिलेगा।
केजरीवाल ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा, “केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में बाबासाहेब अंबेडकर का अपमान किया और उनका मजाक उड़ाया। इससे अंबेडकर को चाहने वाले करोड़ों लोग आहत हुए हैं। अंबेडकर ने कहा था कि शिक्षा ही आगे बढ़ने का रास्ता है और उन्होंने तमाम मुश्किलों के बावजूद अमेरिका से पीएचडी की थी।”
उन्होंने आगे कहा, “भाजपा के लोग बाबासाहेब का अपमान करते हैं, मैं उनका सम्मान करूंगा। यह मेरी तरफ से बाबासाहेब को श्रद्धांजलि है।”
भाजपा का पलटवार
भाजपा ने केजरीवाल की इस घोषणा को “राजनीतिक स्टंट” करार दिया। भाजपा नेता हरीश खुराना ने कहा कि ऐसी योजना पहले से ही 2020 से लागू है। उन्होंने कहा, “दिल्ली सरकार ने 2020 से अब तक केवल पांच बच्चों को विदेश में पढ़ने के लिए भेजा है, वह भी 25 लाख रुपये की लागत पर। पांच बच्चों को 25 लाख रुपये देकर आप खुद को सेवक साबित करना चाहते हैं। बाबासाहेब अंबेडकर का अपमान और झूठ बोलने का आपका तरीका दिल्ली की जनता देख रही है।”
अंबेडकर विवाद पर सियासत
यह विवाद तब शुरू हुआ जब अमित शाह ने राज्यसभा में संविधान पर बहस के दौरान कहा कि “अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर कहना अब फैशन बन गया है। अगर विपक्ष भगवान का नाम इतनी बार लेता, तो उन्हें स्वर्ग में जगह मिल जाती।” शाह के इस बयान के बाद विपक्ष ने उन पर तीखा हमला किया और उनके इस्तीफे की मांग की। तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस ने संसद में अमित शाह के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव भी पेश किया।
विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रही है और वीडियो को क्लिप कर रही है। उन्होंने इस्तीफा देने से इनकार करते हुए कहा कि इससे कांग्रेस की समस्याओं का समाधान नहीं होगा।
अरविंद केजरीवाल की इस घोषणा को दिल्ली में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर एक अहम राजनीतिक कदम माना जा रहा है।
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