यूपी,बिहार और राजस्थान सहित इन राज्यों में दिखा भारत बंद का प्रभाव

सुप्रीम कोर्ट के एससी-एसटी आरक्षण में क्रीमी लेयर हटाने के फैसले के विरोध में बुुधवार 21 अगस्त को आहूत भारत बंद का कुछ राज्यों में व्यापक असर देखा गया। बंद का आह्वान दलित-आदिवासी संगठनों ने किया था। बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में इसका ज्यादा असर देखा गया।

भारत बंद के दौरान पटना का डाकबंगला चौराहा
Written By : सुनील कुमार साहू | Updated on: August 21, 2024 5:26 pm

Bharat band: सुप्रीम कोर्ट के 1 अगस्त 2024 को एससी/एसटी आरक्षण में क्रीमी लेयर हटाने वाले फैसले को लेकर  21 अगस्त को पूरे देश के दलित- आदिवासी संगठनों ने भारत बंद का आयोजन किया। सपा, टीएमसी, कांग्रेस, आरजेडी, बीएसपी आदि देश के तमाम विपक्षी दलों ने इस बंद का समर्थन किया है। राजस्थान, मध्य प्रदेश, बिहार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा जैसे कई राज्यों में इसका असर देखने को मिला। कई शहरों में एहतियातन स्कूल और कोचिंग सेंटर बंद रहे और परीक्षाएं रद्द कर दी गईं।

Bharat band का आयोजन क्यो?

सुप्रीम कोर्ट ने 1 अगस्त 2024 को एससी/एसटी आरक्षण को लेकर बड़ा फैसला सुनाया था, अदालत ने एससी/एसटी आरक्षण में क्रीमी लेयर  हटाने और कोटा के भीतर कोटा लागू करने का निर्णय दिया। इस फैसले से एससी- एसटी वर्ग में सबसे ज्यादा पिछड़ी हुई जातियों को आरक्षण मिलने का रास्ता साफ हुआ। फैसला सुनाने वाले जजों में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस बेला एम त्रिवेदी, जस्टिस पंकज मिथल,जस्टिस मनोज मिश्रा, जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस विक्रम नाथ शामिल थे। फैसला 6-1 के बहुमत से दिया गया था, जिसमें जस्टिस बेला एम त्रिवेदी इस फैसले के खिलाफ थीं।

फैसला आते ही पूरे देश में दलित-आदिवासी संगठनों ने शुरू किया विरोध 

जैसे ही यह फैसला आया पूरे देश के दलित- आदिवासी संगठनों ने विरोध करना शुरू कर दिया । सबसे पहले उत्तर प्रदेश के नगीना सीट से सांसद चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण ने इस फैसले का विरोध किया। उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि ये लोग आरक्षण खत्म करना चाहते हैं, उसके बाद  तमाम विपक्षी दलों ने भी सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का विरोध करते हुए कहा कि यह आरक्षण विरोधी फैसला है। इसलिए पूरे देश के दलित-आदिवासी संगठनों ने विरोध जताने के लिए 21 अगस्त भारत बंद का आयोजन किया।

देश के वे राज्य जहां Bharat Band का व्यापक असर दिखा

उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी और भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने सामूहिक रूप से हजरत गंज परिवर्तन चौक पर जाम लगा दिया। इसकी वजह से लंबा जाम लग गया और जाम में फंसे लोग त्राहि-त्राहि करते दिखे। परिवर्तन चौक पर सपा कार्यकर्ताओं का दबदबा रहा और वे केंद्र सरकार को आरक्षण विरोधी बताते हुए सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते रहे।

राजस्थान में Bharat band का ज्यादा असर देखने को मिल रहा है। जयपुर सहित 16 जिलों  जैसे सीकर, अलवर ,दोसा, जैसलमेर, बाड़मेर, बीकानेर, टोंक, भीलवाड़ा, नीमकाथाना, गंगानगर, चित्तौड़गढ़, डींग आदि जिलों में स्कूल कॉलेजो की छुट्टी घोषित कर रखी है। तीन यूनिवर्सिटी की परीक्षाएं भी कैंसिल की है। इसके अलावा भरतपुर शहर के तीन जिले करौली, सवाई माधोपुर और डींग- कुम्हरे में इंटरनेट सेवा बंद है।

अलवर में रोड रेज बसो का संचालन बंद है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि- गंगापुर सिटी जिले के टोडाभीम में सरकारी स्कूल विशनपुर के 12 टीचरों ने  सीबीईओ को सामूहिक एप्लीकेशन देखकर 21 अगस्त की छुट्टी मांगी थी।

 

बिहार- बिहार के कई जिलों में Bharat band का असर देखने को मिल रहा है,

  • पूर्णिया में प्रदर्शनकारियों ने सड़क पर टायर जलाकर नारेबाजी की,
  • जहानाबाद में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच धक्का मुक्की हुई,
  • सहरसा में लोगों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की
  •  आरा में प्रदर्शनकारियो ने 01663 रानी कमलापति सहरसा एक्सप्रेस ट्रेन के आगे बैठकर अपना विरोध जताया।

 

  •  मध्य प्रदेश: यहां के कई जिले ज्यादातर शांत रहे लेकिन
  •  उज्जैन में दलित आदिवासी संगठनों के कार्यकर्ता जब दुकान बंद करने पहुंचे तो दुकानदार ने बंद करने से मना कर दिया इसके बाद प्रदर्शनकारी  दुकान का काउंटर धकेलने लगे। प्रदर्शनकारी और दुकान दार के बीच बहस होने लगी, लेकिन बाद में मामला शांत हो गया।
  •  ग्वालियर में आज कई स्कूल है बंद है, कलेक्टर ने मंगलवार रात को ही जिले में धारा 144 लागू करने का आदेश दे दिया था।
  •  नागदा में भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने पुराने बस स्टैंड पर बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जी की मूर्ति के पास धरना दे रहे है, जिसके बाद यह एसडीएम को कोटे के विरोध का ज्ञापन सौंपेंगे।

 

इसी तरह देश के कई राज्यों में छिटपुट  घटनाएं होती रहीं। जिसमें उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, हरियाणा ,बंगाल आदि राज्य शामिल है।

दलित आदिवासी संगठनों की मांग

  •  एससी एसटी में वर्गीकरण बंद हो
  •  एससी- एसटी के आरक्षण को 9वीं अनुसूची में डाला जाए
  •  कॉलेजियम सिस्टम बंद हो
  •  निजी क्षेत्र और न्यायपालिका में आरक्षण
  •  पूरे देश में जातीय जनगणना कराई जाए

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