महिलाएं बनीं सबसे बड़ा वोट बैंक
बिहार चुनाव 2025 में अब महिलाएं सिर्फ मतदाता नहीं, बल्कि “निर्णायक शक्ति” बन चुकी हैं। 2020 के विधानसभा चुनाव में महिलाओं का मतदान प्रतिशत पुरुषों से अधिक था, इसीलिए हर दल इस बार उन्हें साधने में जुटा है।
एनडीए गठबंधन ने अपने ‘संकल्प पत्र 2025’ में महिलाओं को “विकसित बिहार की रीढ़” बताया है। नीतीश कुमार की ‘जीविका दीदी योजना’ के तहत प्रत्येक दीदी के खाते में ₹10,000 की सीधी सहायता राशि भेजने का काम शुरू कर दिया गया है। जिसको कई राजनितिक विश्लेषक वोट खरीदने की कवायद की तरह देख रहे हैं। इसके साथ 35% सरकारी सेवाओं में और 50% पंचायतों में महिलाओं का आरक्षण जारी रखने की घोषणा की गई है। डिजिटल साक्षरता, बैंकिंग प्रशिक्षण, और स्वरोजगार योजनाओं को भी घोषणापत्र में शामिल किया गया है।
वहीं महागठबंधन के ‘तेजस्वी प्रण’ में महिलाओं के लिए जनवरी 2026 से ₹30,000 प्रतिमाह सहायता योजना का ऐलान किया गया है। इसे “आर्थिक स्वतंत्रता और सम्मान योजना” कहा गया है। इसके अतिरिक्त छात्राओं को लैपटॉप, निशुल्क शिक्षा, सैनिटरी नेपकिन, और सुरक्षा हेल्पलाइन जैसी योजनाएं भी शामिल की गई हैं। तेजस्वी यादव ने कहा है कि “महिलाओं को केवल सहायता नहीं, सुरक्षा और समान अवसर का अधिकार मिलना चाहिए।”
दोनों घोषणापत्रों में महिलाओं के सशक्तिकरण की बातें तो समान हैं, लेकिन दृष्टिकोण भिन्न है, एनडीए आत्मनिर्भरता पर भरोसा कर रहा है, जबकि आरजेडी समान अवसर को समाधान मानती है। हालांकि दोनो दलों ने ये साफ नहीं किया है कि इन योजनाओं का आर्थिक बोझ किस मद से पूरा किया जायेगा। जब बिहार का कुल बजट लगभग ₹3.16–3.17 लाख करोड़ है तो किस तरह से इनका भार राज्य सरकार वहन करेगी ? राजग हो या महागठबंधन दोनों में से किसी के पास इस यक्ष प्रश्न का जवाब नहीं है। जाहिर है दोनों सपने बेचने की कोशिश कर रहे हैं।
युवाओं को लेकर वादों की बौछार
बिहार की 58% आबादी 35 वर्ष से कम उम्र की है। ऐसे में युवा वर्ग सबसे बड़ा राजनीतिक टार्गेट बन चुका है।
एनडीए ने अपने घोषणापत्र में “एक करोड़ रोजगार” सृजन का लक्ष्य रखा है। इसके तहत ‘मॉडल स्किल सेंटर’, ‘ग्लोबल एम्प्लॉयमेंट पोर्टल’, ‘स्टार्ट अशोक योजना’ और ‘मेक इन बिहार’ जैसी योजनाओं की घोषणा की गई है।
दूसरी ओर महागठबंधन ने “रोजगार का अधिकार” कानून लाने का वादा किया है। तेजस्वी यादव का कहना है कि उनकी सरकार बनते ही हर परिवार के योग्य युवक-युवती को या तो सरकारी नौकरी मिलेगी। महागठबंधन ने सरकारी नौकरियों के साथ मुफ्त प्रतियोगी परीक्षा कोचिंग और निजी क्षेत्र में न्यूनतम वेतन कानून लागू करने का भी आश्वासन दिया है।
जन सुराज पार्टी का पाँच-बिंदु एजेंडा
राजनीतिक रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी ने बिहार के विकास के लिए पाँच बिंदुओं का एजेंडा पेश किया है।
उनका दावा है कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो वह बिहार को “देश के शीर्ष 10 राज्यों में” शामिल करेगी। इस एजेंडे में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, कृषि और शासन-सुधार प्रमुख स्तंभ हैं। महिलाओं को 4% ब्याज दर पर बैंक ऋण और स्वरोजगार योजनाओं से जोड़ने का वादा भी किया गया है, ताकि वे “सहायता पाने वाली नहीं, रोजगार देने वाली” बन सकें।
AIMIM की सीमांचल रणनीति
असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम की बिहार चुनाव 2025 की रणनीति स्पष्ट रूप से सीमांचल की मुस्लिम और पिछड़ी जातियों की महिलाओं और युवाओं को केंद्र में रखकर बनाई गई है। हालांकि महिला और युवा नीति का स्पष्ट घोषणापत्र नहीं है, पर सामाजिक न्याय और बराबरी इसकी नींव है।
शिक्षा, स्वास्थ्य और उद्योग
एनडीए हर जिले में मेडिकल कॉलेज बनाने पर जोर दे रहा है, जबकि महागठबंधन “फ्री एजुकेशन पॉलिसी” यानी पीजी तक निशुल्क शिक्षा और हर प्रखंड में मुफ्त दवा और जांच की गारंटी दे रहा है। तेजस्वी प्रण में 25 लाख तक का स्वास्थ्य बीमा कराने की बात भी स्पष्ट तौर पर कही जा रही है। उद्योग के क्षेत्र में एनडीए ने लघु उद्योग MSME हब, टेक-सिटी, और ग्रीन एनर्जी को प्राथमिकता दी है, जबकि आरजेडी स्थानीय उद्योगों के पुनरुद्धार और मजदूर अधिकारों की रक्षा पर केंद्रित है। जन सुराज का फोकस “स्वावलंबी उद्योग नीति” और ग्रामीण रोजगार सृजन पर है।
आत्मनिर्भरता बनाम सामाजिक न्याय की जंग
बिहार चुनाव 2025 में यह साफ हो चुका है कि इस बार मुकाबला विचारधारा से ज्यादा रणनीति का है।
जहां एनडीए आत्मनिर्भर बिहार का सपना दिखा रहा है, वहीं महागठबंधन सामाजिक न्याय की राजनीति पर कायम है। जन सुराज नई सोच और जनभागीदारी आधारित मॉडल का प्रचार कर रही है, जबकि एआईएमआईएम सीमांचल में सामाजिक प्रतिनिधित्व की मांग को हथियार बना रही है।
इन घोषणापत्रों (manifestos) से एक बात तो तय है कि बिहार की राजनीति का भविष्य महिलाओं और युवाओं के हाथों में है।अब यह देखना दिलचस्प होगा कि मतदाता किस पर भरोसा करते हैं! आपकी क्या राय है हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
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Thank you for an informative and ground level review of the status in Bihar. Objective and very well written