महागठबंधन के सहयोगी वीआईपी पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी ने सीटों की संख्या को लेकर असंतोष जताते हुए शुक्रवार को प्रस्तावित अपनी प्रेस कांफ्रेंस रद्द कर दी। उन्होंने इसके लिए राहुल गांधी को पत्र लिखा है और अपनी मांग कम करके 20 सीटों पर आ गए हैं। सूत्रों के मुताबिक, वीआईपी ने दो दर्जन से अधिक सीटों की मांग रखी थी, जबकि राजद और कांग्रेस ने अभी तक उस पर सहमति नहीं दी है। सहनी ने कहा है कि पार्टी अपने सम्मानजनक हिस्से के बिना चुनाव नहीं लड़ सकती।
इसी बीच कांग्रेस ने 48 उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची जारी कर दी है, लेकिन राजद के साथ सीटों का औपचारिक समझौता अब भी अधर में है। कांग्रेस के शीर्ष नेताओं राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे ने गुरुवार देर रात लालू प्रसाद यादव से फोन पर बातचीत की ताकि गतिरोध खत्म किया जा सके। हालांकि, दोनों दलों के बीच कुछ सीटों पर अब भी मतभेद बरकरार हैं।
महागठबंधन के अन्य घटक दल, जैसे वामपंथी पार्टियाँ, अपने-अपने हिस्से की सीटों पर पहले ही सहमति जता चुकी हैं। लेकिन वीआईपी और कांग्रेस की मांगों को लेकर अभी तक कोई अंतिम फार्मूला तय नहीं हो पाया है। बताया जा रहा है कि CPI [ML] को 20 सीटें मिली हैं।
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि नामांकन की अंतिम तिथि से पहले यदि समझौता नहीं हुआ, तो महागठबंधन के भीतर असंतोष और बढ़ सकता है। ऐसे में उम्मीदवारों की घोषणा में देरी महागठबंधन की चुनावी तैयारी पर असर डाल सकती है।
दूसरी ओर, एनडीए ने पहले ही सभी 243 सीटों पर अपने गठबंधन के उम्मीदवार तय कर दिए हैं और नामांकन प्रक्रिया लगभग पूरी कर ली है। महागठबंधन में चल रही यह खींचतान अब चुनावी मैदान में नए समीकरणों की आहट दे रही है।
ये भी पढ़ें :-जदयू की पहली सूची जारी : 57 उम्मीदवारों में एक भी मुस्लिम नहीं, देखें पूरी सूची