बिहार चुनाव : ओवैसी की चिट्ठी ने महागठबंधन को धर्मसंकट में डाला

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के नेता असद्दुदीन ओवैसी ने पत्र लिखकर महागठबंधन को ऐसे धर्मसंकट में डाल दिया है जिसमें दोनों ही स्थिति में उसे नुकसान होता नजर आ रहा है। खासकर बिहार में महागठबंधन की गाड़ी की ड्राइविंग सीट पर बैठे राजद के लिए ये पत्र गले की हड्डी साबित होने जा रहा है।

Written By : रामनाथ राजेश | Updated on: July 4, 2025 1:12 am

इनमें राजद कोटे के 8 मुस्लिम उम्मीदवार चुनाव जीतकर विधायक बने थे। AIMIM के चार विधायक हैं। खासकर उत्तर बिहार के सीमांचल से लगे मुस्लिम बहुल इलाकों में ओवैसी  की पैठ गहरी है इससे कोई इनकार नहीं कर सकता। ओवैसी ने कहा है कि बार-बार संपर्क करने के प्रयास के बावजूद बातचीत में सफलता नहीं मिलने पर औपचारिक रूप से पत्र लिखकर वे ऐसा कर रहे हैं।

जाहिर है ओवैसी ने ऐसा करके राजद को फंसा दिया है। राजद का इससे  मुस्लिम यादव यानि माई समीकरण बिगड़ जाएगा। ओवैसी की पार्टी यदि महा्गठबंधन में  शामिल होती है तो वो मुस्लिम बहुल इलाकों की सीटों पर ही दावा करेगी, जिन्हें राजद गठबंधन धर्म का पालन कर उदारता दिखाते हुए  AIMIM के लिए कतई नहीं छोड़ेगा। ऐसे में AIMIM के महागठबंधन में शामिल  होने के प्रस्ताव का अर्थ ये है कि AIMIM को बीजेपी की बी टीम कहने वालों को ये सीधा संदेश जाए कि AIMIM ने तो महागठबंधन में शामिल होने का प्रस्ताव दिया था लेकिन राजद के स्वार्थ की वजह से आज AIMIM महागठबंधन में नहीं है। चुनाव में AIMIM सीटें भले ही कम जीते लेकिन राजद का खेल बिगाड़ने की कूबत रखती  है। ओवैसी के पत्र का मकसद राजद को गठबंधन  के अंदर विलेन साबित करना है। ओवैसी और राजद के बीच विधायकों को तोड़कर  राजद में शामिल कराने के बाद से ही 36 के रिश्ते हैं। ऐसे में महागठबंधन में ओवैसी की पार्टी  को शामिल करा पाना बहुत मुश्किल काम है।

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