कार्यक्रम की सबसे बड़ी उपलब्धि पूर्णिया एयरपोर्ट के नए सिविल एन्क्लेव के अंतरिम टर्मिनल भवन का उद्घाटन रहा, जिससे सीमांचल क्षेत्र को देशभर से बेहतर हवाई संपर्क मिलेगा। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने भागलपुर जिले के पीरपैंती में 3×800 मेगावाट क्षमता वाले थर्मल पावर प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया। ऊर्जा के क्षेत्र में यह योजना राज्य की बड़ी जरूरतों को पूरा करेगी।
रेल कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए नई रेल लाइनों का उद्घाटन और शिलान्यास किया गया। वहीं कोसी-मेची लिंक परियोजना के पहले चरण का शिलान्यास कर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जल प्रबंधन को सुदृढ़ करने का भरोसा दिलाया गया। जल और स्वच्छता के क्षेत्र में नमामि गंगे के तहत भागलपुर में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, साथ ही कटिहार, दरभंगा और सुपौल में पेयजल योजनाओं की नींव रखी गई।
किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय मखाना बोर्ड की स्थापना की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इससे बिहार के मखाना उद्योग को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान मिलेगी और किसानों की आय में वृद्धि होगी। इसके अलावा प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण और शहरी) के लाभार्थियों को गृह प्रवेश का उपहार भी दिया गया।
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने विकास योजनाओं के साथ-साथ विपक्ष पर भी निशाना साधा। उन्होंने कांग्रेस और आरजेडी पर सीमांचल की उपेक्षा का आरोप लगाया और कहा कि अब इस क्षेत्र का तेजी से विकास होगा।
राजनीतिक विशेषज्ञ पीएम मोदी की घोषणाओं को चुनावी रणनीति के हिस्से के रूप में देख रहे हैं। वहीं बीजेपी और जदयू के लोग इसे सीमांचल की राजनीतिक और विकास दोनों दृष्टि से बड़ी सौगात करार दे रहे हैं।
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