बेतिया के चनपटिया में पीएम मोदी ने कहा कि बिहार अब उस दौर से बहुत आगे बढ़ चुका है, जब विकास सिर्फ चुनावी नारों में होता था। उन्होंने दावा किया कि पिछले वर्षों में सड़क, बिजली, पेयजल और स्वास्थ्य सुविधाओं में हुए सुधारों ने राज्य में निवेश का माहौल तैयार किया है। उन्होंने यह भी कहा कि चनपटिया जैसे क्षेत्रों में स्थानीय उद्योग और स्वरोजगार मॉडल आगे बढ़ने लगे हैं, जिन्हें आने वाले समय में और विस्तार दिया जाएगा।
पीएम मोदी ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेतृत्व वाले महागठबंधन को ‘जंगलराज’ और ‘कट्टा सरकार’ का प्रतीक बताया और लोगों से पूछा कि क्या वे ऐसा शासन वापस चाहते हैं। पीएम मोदी ने एनडीए (NDA) के विकास एजेंडे को सामने रखा और कहा कि बिहार के बच्चों को ‘रंगदार’ (जबरन वसूली करने वाला) नहीं, बल्कि डॉक्टर, इंजीनियर और उद्यमी बनना चाहिए। उन्होंने ‘हैंड्स अप’ (अपराध का प्रतीक) की जगह ‘स्टार्टअप’ की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने महिला कल्याण योजनाओं और एनडीए सरकार द्वारा किए गए कार्यों पर प्रकाश डाला।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने बिहार के लोगों में खोया हुआ विश्वास बहाल किया है और अब निवेशक यहां आने के इच्छुक हैं।
उन्होंने पहले चरण के चुनाव में उच्च मतदान प्रतिशत पर खुशी जताई और कहा कि यह विपक्ष के लिए ’65 वोल्ट का झटका’ था। पीएम ने खुद को मिथिला की विरासत का “ब्रांड एंबेसडर” बताया, जिसमें उन्होंने मधुबनी पेंटिंग को विदेशी गणमान्य व्यक्तियों को उपहार में देने का उल्लेख किया।बेतिया रैली को उन्होंने बिहार चुनाव प्रचार की अपनी अंतिम रैली बताया।
सीतामढ़ी की रैली में प्रधानमंत्री ने स्थानीय मुद्दों को प्रमुखता से छुआ। उन्होंने बंद पड़ी चीनी मिलों, कृषि उत्पादों को बाज़ार तक पहुँचाने की व्यवस्था और एमएसएमई सेक्टर को मजबूत करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती जिलों में व्यापार और पर्यटन की संभावनाओं को खोलने पर सरकार काम कर रही है।
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