बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं। विपक्षी दलों के समूह INDIA ने बड़ा कदम उठाते हुए राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नेता और प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को बिहार के लिए गठबंधन की समन्वय समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया है। अब तेजस्वी यादव चुनाव से जुड़ी हर रणनीति पर नजर रखेंगे।
क्या करेगी ये समन्वय समिति?
इस समिति का काम है गठबंधन में शामिल सभी दलों के बीच तालमेल बैठाना। सीटों के बंटवारे से लेकर साझा घोषणा- पत्र बनाने तक, प्रचार की रणनीति से लेकर स्थानीय स्तर पर नेता तय करने तक—हर ज़रूरी फैसला इस समिति की देखरेख में होगा।
पटना में हुई बैठक, सभी प्रमुख नेता रहे मौजूद
यह फैसला पटना में हुई एक महत्वपूर्ण बैठक के बाद लिया गया, जिसमें कांग्रेस, वीआईपी (विकासशील इंसान पार्टी), वामदल (लेफ्ट पार्टियां) और आरजेडी के नेता शामिल थे। बैठक में कांग्रेस के बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरू, बिहार कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अखिलेश सिंह, वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी और अन्य नेता मौजूद रहे।
बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए कृष्णा अल्लावरू ने कहा, “बिहार में INDIA गठबंधन की समन्वय समिति बनाई गई है। यह समिति चुनाव से जुड़ी हर बात—सीट साझेदारी, घोषणा पत्र, प्रचार रणनीति—को देखेगी। तेजस्वी यादव इसके अध्यक्ष होंगे।”
तेजस्वी बोले – चेहरा तय करने की अभी जरूरत नहीं
मीडिया ने जब तेजस्वी यादव से पूछा कि क्या उन्हें मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किया गया है, तो उन्होंने साफ कहा,”फिलहाल सिर्फ समिति बनाई गई है। मुख्यमंत्री का चेहरा बाद में तय किया जाएगा। अभी हमारा मकसद है कि हम एकजुट होकर बीजेपी को हराएं। जनता का मुद्दा हमारे लिए सबसे ज़रूरी है।”
तेजस्वी ने यह भी कहा कि गठबंधन पूरी मजबूती से एक साथ है और चुनाव की तैयारियों में किसी तरह की कोई ढिलाई नहीं होगी।
पारस की एंट्री पर भी विचार
रामविलास पासवान के भाई और RLJP नेता पशुपति कुमार पारस के INDIA गठबंधन में शामिल होने की अटकलों पर तेजस्वी यादव ने कहा कि इस पर अगली बैठक में विचार किया जाएगा। पारस हाल ही में एनडीए से दूरी बना चुके हैं, जिससे उनकी भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं।
दिल्ली में राहुल गांधी और खड़गे से हो चुकी है मुलाकात
इससे दो दिन पहले तेजस्वी यादव ने दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और वरिष्ठ नेता राहुल गांधी से मुलाकात की थी। माना जा रहा है कि उसी मीटिंग में चुनाव को लेकर रूपरेखा तैयार की गई थी, जिसके बाद यह घोषणा की गई।
क्या कहता है यह फैसला?
तेजस्वी यादव को इतनी बड़ी जिम्मेदारी देना इस बात का संकेत है कि विपक्ष तेजस्वी को एक मजबूत चेहरा मान रहा है और चाहता है कि चुनाव अभियान उनकी अगुआई में लड़ा जाए। यह भी साफ हो गया है कि बिहार में विपक्ष भाजपा को सीधी टक्कर देने की तैयारी में है।
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