Bihar Politics : नीतीश ने एनडीए में फेंका चौंकाने वाला 225 का कार्ड

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एनडीए के घटक दलों के नेताओं के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया, जिसमें आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारी और एकजुटता पर चर्चा की गई। इस बैठक ने राजनीतिक गलियारों में कई सवाल खड़े कर दिए हैं, विशेषकर नीतीश के नेतृत्व को लेकर।

Bihar Chief Minister Nitish Kumar chairing the NDA meet on October 28. (Photo: JD(U)/ X)
Written By : MD TANZEEM EQBAL | Updated on: October 30, 2024 6:21 pm

Bihar Politics : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाल ही में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के सभी घटक दलों के नेताओं की एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई। इस बैठक का उद्देश्य आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारियों को मजबूत करना और सभी दलों को एकजुट करना था। मुख्यमंत्री आवास पर हुई इस मीटिंग में नीतीश कुमार ने स्पष्ट किया कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव उनके नेतृत्व में लड़ा जाएगा, जिस पर सभी दलों ने सहमति जताई।

एनडीए में एकजुटता का संकेत

बैठक में भाग लेने वाले नेताओं ने एकजुटता का संदेश देते हुए कहा कि वे मिलकर चुनावी मैदान में उतरेंगे। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा, “नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए 2025 का विधानसभा चुनाव लड़ेगी। हमें बेहतर समन्वय के साथ चुनाव में उतरना होगा।” बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि एनडीए बिहार की 243 विधानसभा सीटों में से 220 से 225 सीटों पर जीत हासिल करने का लक्ष्य रखता है। इस संदर्भ में नारा दिया गया, “2025 में 225, फिर से नीतीश।”

राजनीतिक जानकारों की प्रतिक्रियाएं

राजनीतिक विश्लेषक अजय कुमार ने नीतीश कुमार को एक कुशल राजनीतिज्ञ और रणनीतिकार के रूप में देखा। उन्होंने कहा कि नीतीश की समय-समय पर रणनीतियों में बदलाव करने की क्षमता उन्हें बिहार की राजनीति में मजबूत बनाए रखती है। बैठक ने न केवल एनडीए की एकजुटता का संदेश दिया, बल्कि नीतीश कुमार की राजनीतिक स्थिति को भी सुदृढ़ किया।

विपक्ष की आलोचना

हालांकि, विपक्ष ने इस बैठक को फ्लॉप बताते हुए आलोचना की। आरजेडी की सांसद मीसा भारती ने बैठक में कई महत्वपूर्ण नेताओं की अनुपस्थिति पर सवाल उठाते हुए कहा, “यदि सीनियर नेता ही नहीं आए, तो यह बैठक किस प्रकार की थी?” उनका यह भी कहना था कि इससे यह स्पष्ट होता है कि अंदरखाने में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। मीसा भारती ने गिरिराज सिंह और सम्राट चौधरी की उपस्थिति पर भी सवाल उठाए, यह कहते हुए कि ये नेता अब प्रमुख नेताओं की श्रेणी में नहीं आते हैं।

नीतीश कुमार की यह बैठक बिहार की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकती है। चाहे वह एनडीए के भीतर एकजुटता का संदेश हो या फिर आगामी चुनावों की रणनीति, सभी की निगाहें इस पर टिकी हैं। जैसे-जैसे चुनाव की तारीख नजदीक आती है, यह देखना दिलचस्प होगा कि नीतीश कुमार और एनडीए कैसे अपने लक्ष्यों को पूरा करने की योजना बनाते हैं।

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