दक्षिण दिल्ली लोकसभा सीट का इतिहास
दक्षिणी दिल्ली (South Delhi) लोकसभा सीट दिल्ली की 7 लोकसभा सीटों में से एक है। यहां पर पहला चुनाव साल 1967 में हुआ था, जिसमें भारतीय जनसंघ (BJP) को जीत मिली थी। यहां अब तक के 13 चुनावों में 4 बार कांग्रेस और 7 बार बीजेपी ने जीत दर्ज की है। यानी इस लोकसभा सीट पर बीजेपी का दबदबा रहा है। 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के रमेश बिधूड़ी यहां से विजयी हुए थे। हालांकि 2024 के चुनाव में उन्हें बीजेपी ने टिकट नहीं दिया और यहां से रामवीर बिधूड़ी मैदान में उतारा। उनका मुकाबला आम आदमी पार्टी के सहीराम से हुआ। इस बार एक तरफ भाजपा प्रत्याशी है तो दूसरी ओर कांग्रेस और आप गठबंधन यानी इंडिया का उम्मीदवार। साउथ दिल्ली में मुकाबला भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच हुआ।
2019 के लोकसभा चुनाव
2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने रमेश बिधूड़ी, आम आदमी पार्टी ने राघव चड्डा और कांग्रेस ने विजेंदर को टिकट दिया था। बाजी रमेश बिधूड़ी ने मारी थी, उन्होंने राघव चड्डा को 3 लाख से ज्यादा वोटों से हराया था। रमेश बिधूड़ी को 6 लाख 85 हजार से ज्यादा वोट मिले थे तो राघव चड्डा को 3 लाख 19 हजार से वोट मिले थे. पहले चुनाव में भले ही बीजेपी की मूल पार्टी भारतीय जनसंघ को जीत मिली लेकिन अगला चुनाव 1971 में हुआ और कांग्रेस के शशि भूषण ने जीत हासिल की। ये हाई प्रोफाइल सीट रही है, यहां से मदन लाल खुराना, सुषमा स्वराज और विजय कुमार मल्होत्रा जैसे बीजेपी के दिग्गज चुनाव लड़ चुके हैं। यहां पर 20 लाख से ज्यादा वोटर्स हैं, उनमें से 8,98,476 पुरुष वोटर हैं। महिला मतदाताओं की संख्या 11,68,857 है । थर्ड जेंडर के मतदाता 130 हैं। 2019 में कुल मतदान प्रतिशत 58.73% था।
दक्षिण दिल्ली सीट गुर्जर बहुल, इस सीट के तहत आते हैं ये विधानसभा क्षेत्र
बिजवासन
पालम
महरौली
छतरपुर
देवली
अंबेडकर नगर
संगम विहार
कालकाजी
तुगलकाबाद
बदरपुर
कौन हैं रामवीर सिंह बिधूड़ी
रामवीर सिंह बिधूड़ी दिल्ली की बदरपुर विधानसभा सीट से विधायक हैं और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी हैं। वह गुर्जर समुदाय से आते हैं। दिल्ली यूनिवर्सिटी (Delhi University) से ग्रेजुएट रामवीर सिंह के बारे में कहा जाता है कि बेहद शांत स्वभाव के हैं। रामवीर सिंह ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 1970 में दिल्ली यूनिवर्सिटी (Delhi University) में छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद(Akhil Bharatiya Vidyarthi Parishad) से जुड़कर की। वह 1981 से 1985 तक हरियाणा वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन (Haryana warehousing Corporation) के अध्यक्ष पद पर रहे। इस दौरान उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिला था। उनके कार्यकाल के दौरान निगम की भंडारण क्षमता दुगुनी हो गई थी।
कौन हैं सहीराम पहलवान
अगर बात करें सहीराम पहलवान की तो वे एक राजनीतिज्ञ और आम आदमी पार्टी के सदस्य हैं। वह आम आदमी पार्टी के विधायक हैं। फिलहाल वह विधायक के रूप दिल्ली के तुगलकाबाद का प्रतिनिधित्व करते हैं। वैचारिक तौर पर सहीराम पहलवान उदारवादी सोच के लिए जाने जाते हैं। साफ-सुथरी छवि और जनता के बीच काम करने को सदा से तत्पर सहीराम पहलवान के इसी गुण के कारण आम आदमी पार्टी ने उन्हें अपना उम्मीदवार चुना। हालांकि तुगलकाबाद विधानसभा से AAP विधायक सहीराम पहलवान पर मारपीट और धमकी देने का आरोप लगते रहे हैं।