BRICS 2024: PM Modi बोले- ‘युद्ध नहीं, बातचीत और कूटनीति ही रास्ता’

BRICS शिखर सम्मेलन 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को युद्ध के बजाय बातचीत और कूटनीति को समस्याओं का समाधान बताते हुए, आतंकवाद से निपटने के लिए एकजुटता की अपील की। साथ ही, उन्होंने जलवायु परिवर्तन, साइबर सुरक्षा और वैश्विक संस्थाओं में सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया।

16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन को संबोधित करते पीएम मोदी - फोटो : एक्स/विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता
Written By : MD TANZEEM EQBAL | Updated on: October 23, 2024 10:04 pm

16वें BRICS शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को वैश्विक समस्याओं को बातचीत और कूटनीति से हल करने की जरूरत पर जोर दिया। PM Modi ने साफ कहा, “हम युद्ध नहीं, बातचीत और कूटनीति का समर्थन करते हैं,” और साथ ही आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन और आर्थिक अस्थिरता जैसी बड़ी चुनौतियों पर चिंता जताई। मोदी ने BRICS को एक सकारात्मक ताकत बताते हुए कहा कि इसका मकसद किसी तरह का विभाजन नहीं, बल्कि जनहित में काम करना है।

आतंकवाद और इसके फंडिंग से निपटने के लिए एकजुटता की अपील

PM Modi मोदी ने आतंकवाद और उसकी फंडिंग को रोकने के लिए BRICS देशों के बीच मजबूत और एकमत सहयोग की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “आतंकवाद और इसके फंडिंग को रोकने के लिए सभी देशों का एकजुट और मजबूत समर्थन जरूरी है। इस मुद्दे पर कोई दोहरी नीति नहीं होनी चाहिए।”

साथ ही उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में लंबित ‘Comprehensive Convention on International Terrorism’ (CCIT) को जल्द से जल्द लागू करने पर भी जोर दिया।

जलवायु परिवर्तन और साइबर सुरक्षा पर ध्यान

प्रधानमंत्री मोदी ने जलवायु परिवर्तन जैसी समस्याओं पर भी चर्चा की और BRICS देशों से मिलकर काम करने की अपील की। उन्होंने साइबर सुरक्षा और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के सुरक्षित इस्तेमाल के लिए भी वैश्विक स्तर पर नियम बनाने की जरूरत बताई। “हमें साइबर सुरक्षा और AI के लिए वैश्विक नियम तय करने होंगे,” उन्होंने कहा।

BRICS में नए सदस्यों का स्वागत

प्रधानमंत्री मोदी ने BRICS में नए देशों को शामिल करने की बात कही और कहा कि इस बारे में सभी फैसले सर्वसम्मति से होने चाहिए। BRICS के संस्थापक सदस्यों के विचारों का भी पूरा सम्मान किया जाना चाहिए।

वैश्विक संस्थाओं में सुधार की मांग

प्रधानमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, WTO और विकास बैंकों जैसे वैश्विक संस्थानों में सुधार की जरूरत पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, “हमें इन संस्थाओं में समय के हिसाब से बदलाव करने होंगे, ताकि ये संस्थान आज की चुनौतियों का सामना कर सकें।”

इस तीन दिवसीय शिखर सम्मेलन में 36 देशों ने हिस्सा लिया। रूस के कज़ान शहर में हुए इस सम्मेलन में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग समेत कई बड़े नेता शामिल हुए। रूस ने इस सम्मेलन को “अब तक का सबसे बड़ा विदेश नीति कार्यक्रम” बताया।

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